पहला एसएमएस कब भेजा गया था या कब बनाया गया था, जानें 5 रोचक तथ्य एसएमएस के बारे में
मोबाइल इस्तेमाल करने वाला हर व्यक्ति एसएमएस के बारे में जानता है। आज सोशल मीडिया, व्हाट्सएप आदि जैसे एक-दूसरे से संवाद करने के कई तरीके हैं लेकिन फिर भी एसएमएस महत्वपूर्ण है। हालाँकि, एक समय था जब यह मोबाइल उपयोगकर्ताओं के बीच संचार का एक बहुत बड़ा साधन था।
दुनिया के हर मोबाइल यूजर ने किसी न किसी को कुछ न कुछ एसएमएस जरूर भेजे होंगे लेकिन फिर भी ज्यादातर लोगों को यह नहीं पता होता है कि पहला एसएमएस कब भेजा गया था या कब बनाया गया था। आज हम आपको एसएमएस से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में बताने जा रहे हैं।
एसएमएस का फुल फॉर्म शॉर्ट मैसेज सर्विस है। एसएमएस एक संदेश सेवा है जिसमें दो या दो से अधिक लोग टेक्स्ट संदेशों का उपयोग कर संवाद कर सकते हैं।
पहला एसएमएस संदेश 3 सितंबर 1992 को भेजा गया था। सेमा ग्रुप के एक टेस्ट इंजीनियर नील पापवर्थ ने रिवर जार्विस के ओबिटेल 901 फोन पर क्रिसमस की बधाई दी।
फिडेलम हिलेब्रांड और बर्नार्ड गिल्बर्ट ने 1984 में इस एसएमएस अवधारणा को दुनिया के सामने पेश किया।
एसएमएस का उपयोग करना बहुत आसान है और इसके लिए किसी ऐप या सॉफ़्टवेयर को इंस्टॉल करने की आवश्यकता नहीं है। ये पहले से ही हर फोन में उपलब्ध होते हैं।
एसएमएस भेजने के लिए इंटरनेट की जरूरत नहीं है लेकिन नेटवर्क अगर आपके मोबाइल में नेटवर्क नहीं है तो आप एसएमएस नहीं भेज पाएंगे। लेकिन फोन में नेटवर्क आने पर एसएमएस रिसीव होगा