कोरोना महामारी के बाद सेकेंड हैंड कार बाजार में जबरदस्त उछाल

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नई दिल्ली: महामारी के बाद पुरानी कारों के बाजार में नई कारों की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, जो बढ़कर 20,000 करोड़ रु. की उम्मीद है।

कोरोना महामारी के मद्देनजर लागू हुए सामाजिक दूरी के नियम के चलते अब लोग अपने वाहन से यात्रा करना पसंद कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर सेकेंड हैंड कारें नई कारों की आधी कीमत पर उपलब्ध हैं, जिससे ऐसी कारों की अपील बढ़ गई है।

साथ ही सेकेंड हैंड कार बाजार ने भी स्टार्टअप कंपनियों के आने से रफ्तार पकड़ी है। पिछले पांच वर्षों में इस बाजार में Cars 3, Car Dekho, Drum, Car Trade जैसे स्टार्टअप बड़े पैमाने पर काम कर रहे हैं। स्टार्टअप कंपनियों ने इस बाजार को डिजिटल कर दिया है। कार के बारे में सारी जानकारी उनके पोर्टल पर उपलब्ध है।

कार निर्माता भी सेकेंड हैंड मार्केट में काम कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ सेकेंड हैंड कार बाजार छोटे और बड़े शहरों में चल रहा है, जिससे लोग आसानी से डील कर सकते हैं। हालांकि, इस बाजार में स्टार्टअप्स के आने के बाद प्रतिस्पर्धा का माहौल पैदा हो गया है।

सेकेंड हैंड कार मार्केट के स्टडी सर्कल के मुताबिक स्टार्टअप्स के आने के बाद इस मार्केट में ऑर्गनाइज्ड सेक्टर की हिस्सेदारी 30 फीसदी तक बढ़ने की संभावना है।

बाजार में मौजूद सूत्रों के मुताबिक सेकेंड हैंड कारों की बिक्री नई कारों के मुकाबले डेढ़ गुना ज्यादा है। इसे देखते हुए इस बाजार का आकार बढ़कर रु. 20,000 करोड़ की उम्मीद है। बाजार में वाजिब कीमत और वारंटी के साथ उपलब्ध होने के कारण लोग सेकेंड हैंड कारों की ओर रुख कर रहे हैं।

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