काले जादू के लिए दुनिया भर में मशहूर है भारत का यह गांव, अंग्रेज और मुगल भी जाने से डरते थे यहां
भारत में सदियों से काला जादू किये जाने की चर्चा है। इसका उल्लेख भारत के प्राचीन ग्रंथों में भी मिलता है।आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत के एक शहर को काले जादू की राजधानी कहा जाता है। कहा जाता है कि यहां आने से पहले वह अंग्रेजों और मुगलों के बारे में सोचा करते थे।
असम का यह गांव खासतौर पर काले जादू के लिए जाना जाता है। मायोंग नाम का यह गांव असम की राजधानी गुवाहाटी से महज 40 किमी दूर स्थित है। लोग कहते हैं कि यहां का बच्चा-बच्चा काला जादू जानता है।
मायोंग असम के मोरीगांव जिले में ब्रह्मपुत्र नदी के तट पर एक छोटा सा गांव है। मायोंग गांव काले जादू के लिए सबसे ज्यादा मशहूर है। ऐसा माना जाता है कि यहां के लोग खुद को बचाने के लिए काले जादू का सबसे ज्यादा इस्तेमाल करते हैं।
ऐसा कहा जाता है कि इस गांव के लोग कई जादू जानते हैं जैसे इंसानों को जानवर बनाना, अपनी जादुई शक्तियों से लोगों को हवा में गायब कर देना।
इस गांव का इतिहास महाभारत से जुड़ा हुआ है। कहा जाता है कि घटोत्कच ने मायांग से कई जादुई शक्तियां सीखने के बाद महाभारत युद्ध में भाग लिया था। इस गांव को घटोत्कच का गांव माना जाता है।
मायोंग नाम संस्कृत शब्द से भी जुड़ा है, जिसका अर्थ भ्रम होता है। मायोंग के लोग इलाज के लिए जादू का इस्तेमाल करते हैं। ओज़ा का उपयोग निमोनिया और खसरा जैसी गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए भी किया जाता है।
आपको बता दें कि जब जादू का प्रयोग दूसरों को ठीक करने के लिए किया जाता है तो उसे अच्छा जादू कहा जाता है। जब तंत्र-मंत्र का प्रयोग दूसरों को नुकसान पहुंचाने के लिए किया जाता है तो उसे काला जादू कहा जाता है।
म्योंग गांव के काले जादू के बारे में कहा जाता है कि अंग्रेज भी यहां आने से डरते थे। इस गांव में आने वाला हर व्यक्ति काले जादू की शक्ति से डरता है। यही कारण है कि मुगल काल में भी अंग्रेजों के अलावा इस गांव में लोग जाने से डरते थे। कहा जाता है कि आज भी इस गांव में आम लोग नहीं जाते हैं