क्रिकेट में ये एक ऐसा कीर्तिमान है जिससे कोई नहीं तोड़ सकता

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सर डॉन ब्रेडमेन के बारे मे एक बात कही जाती है कि उनका औसत 99.94 है जो कि टेस्ट मैच के इतिहास मे अब तक का सर्वोच्च औसत है। ये भी कहा जाता है ये एक ऐसा कीर्तिमान है जिसे कोई नहीं तोड़ सकता लेकिन इसका जवाब केवल समय के पास है। क्यूंकी हर कीर्तिमान कभी न कभी टूटता है बस उसका एक निश्चित समय होता है।

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This is a record that no one can break but the answer is only with time

खैर हम आपको बताते हैं कि उनके आखिरी मैच मे क्या हुआ और वो 100 का औसत पाने से कैसे चूक गए। उनका आखिरी मैच इंग्लैंड के खिलाफ 18 अगस्त 1948 को खेला गया था। उस मैच मे उनको इंग्लैंड के स्पिनर एरिक होलीज़ ने शून्य पर बोल्ड कर दिया था। इस प्रकार ब्रेडमेन 100 कि औसत पाने से चूक गए। अपने आखिरी मैच मे ब्रेडमेन को 100 कि औसत पाने के लिए सिर्फ 4 रन बनाने थे लेकिन एरिक ने उन्हे शून्य पर बोल्ड करके उन्हे ऐसा करने से रोक दिया।

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लेकिन ऐसा नहीं है कि सिर्फ एरिक कि वजह से ही ब्रेडमेन ऐसा नहीं कर पाये। एक शख्स और है जिसे इस बात का पछतावा है कि उसकी वजह से ब्रेडमेन 100 की औसत नहीं बना पाये और वो है उनके ही टीम के साथी बल्लेबाज नील हार्वे। अपने आखिरी मैच के ठीक पहले वाले मैच मे ब्रेडमेन 173 रन पर बैटिंग कर रहे थे और उनके साथ नील हार्वे भी बैटिंग कर रहे थे। उनकी टीम को जीतने के लिए 4 रन बनाने थे ।

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ब्रेडमेन नॉन स्ट्राइकिंग छोर पर थे और हार्वे ने चौका लगा दिया। ऑस्ट्रेलिया मैच जीत गया और ब्रेडमेन 173 पर नाबाद रह गए। अगले मैच मे ब्रेडमेन शून्य पर आउट हो गए। इस बात के लिए नील हार्वे अपने आप को बहुत ही ज्यादा दोषी मानते हैं।

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