शाम के समय घर में दीपक जलाते समय कभी नहीं करनी चाहिए ये 3 गलतियां, अनजाने में पापों की जगह ले लेंगे पुण्य
शास्त्रों में सुबह और शाम की पूजा-आरती को विशेष महत्व दिया गया है। ब्रह्म मुहूर्त से लेकर सूर्योदय तक का समय और सूर्यास्त के दौरान और उसके बाद भगवान की पूजा करना बहुत लाभकारी होता है। नियमित पूजापाठ से मन में शांति, सकारात्मक विचार आते हैं। साथ ही देवी-देवताओं की कृपा से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। साथ ही धन, सम्मान और कार्य में सफलता मिलती है। इसीलिए घरों या दुकानों में सुबह-शाम पूजापाठ किया जाता है। हालाँकि इस पूजापाठ के लिए शास्त्रों में कुछ नियम बताए गए हैं, जिनका पालन करने से उचित फल प्राप्त होता है।
पूजा करते समय इन बातों का विशेष ध्यान रखें, नहीं तो घर में दरिद्रता, रोग और अशांति नहीं आएगी भगवान की पूजा के दौरान इन नियमों और विधियों का पालन करें, इन गलतियों से बचें
घरों या दुकानों में सुबह-शाम पूजापाठ किया जाता है
भगवान की पूजा करते समय पूर्ण रखना चाहिए। इसलिए शाम के समय फूल तोड़ना अशुभ माना जाता है। इसलिए शाम की पूजा में फूल न चढ़ाएं।
आपको पूजा का पूरा फल और लाभ नहीं मिलेगा, आपके लिए इन उचित अनुष्ठानों और नियमों को जानना बहुत जरूरी है जानिए भगवान की पूजा की सही विधि और पूजा विधि
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शाम की पूजा में घंटी और शंख नहीं बजाना चाहिए, कहा जाता है कि सूर्य अस्त होते ही देवता विश्राम में होते हैं इसलिए शंख या घंटी बजाने से उनके विश्राम में खलल पड़ता है।
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इसलिए सूर्य देव की पूजा हमेशा सुबह के समय ही करनी चाहिए। सूर्य पूजा सूर्योदय से लेकर उसके दो-तीन घंटे बाद तक ही करना लाभकारी होता है। सूर्यास्त के बाद सूर्य की पूजा करने से जीवन में नकारात्मक ऊर्जा, हानि और खतरा आता है।