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कहानी संग्रह

“कुछ रह तो नहीं गया”

हम अपनी आम जिन्दगी में आते जाते कुछ ऐसी बातें रह जाती है जो जिन्दगी भर याद रहती है और जिंदगी के सफ़र में चलते चलते हर मुकाम पर यही सवाल परेशान करता रहा.... कुछ रह तो नहीं गया? 3 महीने के बच्चे को दाई के पास रखकर जॉब पर जानेवाली माँ को दाई ने…

रसोई का अंतर

उत्तर भारतीय ग्रामीण इलाकों में आज भी यह परंपरा रही है कि घर पर किसी खास मेहमान के आने पर रोटी सब्जी दाल चावल जैसा नार्मल भोजन न बनाकर अतिथि के सम्मान में पूरी कचैरी आदि विशेष भोजन बनाया जाती है इसे आम बोलचाल में पक्की रसोई कहा जाता है।…

प्रेरणादायक कहानी- बुरी लत

एक गांव में बहुत अमीर व्यापारी रहता था। वो अपने बेटे की बुरी आदतों से बहुत परेशान था। वो जब भी अपने बेटे से बुरी आदतों को छोड़ने के लिए कहता तो उसको एक ही जवाब मिलता “पिता जी अभी में छोटा हूँ। बड़ा होते ही में अपनी सभी बुरी आदतों को छोड़…

सती अनुसूया के बारें में पढें

अनुसूया अत्रि-ऋषि की पत्नी हैं। उनकी पति-भक्ति अर्थात् सतीत्व का तेज इतना अधिक था कि उसके कारण आकाशमार्ग से जाते देवों को उनके प्रताप का अनुभव होता था। इसी कारण उन्हें 'सती अनुसूया' भी कहा जाता हे। एक बार ब्रह्म, विष्णु और महेश ने उनके…

एकाग्रता

महाभारत में यह कथा है कि द्रोणाचार्य ने अपने शिष्यों के लिए एक परीक्षा का आयोजन किया। उन्होंने अपने सभी शिष्यों को चिड़िया की आँख पर निशाना लगाने के लिये कहा। प्रत्येक धनुर्धारी के आने पर उन्होंने पूछा, “तुम क्या देख रहे हो ?” एक शिष्य को…

हार्ट टचिंग स्टोरी

माँ मैं एक पार्टी में गया था. तूने मुझे शराब नहीं पीने को कहा था, इसीलिए बाकी लोग शराब पीकर मस्ती कर रहे थे और मैं सोडा पीता रहा.  लेकिन मुझे सचमुच अपने पर गर्व हो रहा था. माँ, जैसा तूने कहा था कि 'शराब पीकर गाड़ी नहीं चलाना'. मैंने वैसा ही…

सकारात्मक विचार

एक दिन एक व्यक्ति ऑटो से रेलवे स्टेशन जा रहा था। ऑटो वाला बड़े आराम से ऑटो चला रहा था। एक कार अचानक ही पार्किंग से निकलकर रोड पर आ गयी। ऑटो चालक ने तेजी से ब्रेक लगाया और कार, ऑटो से टकराते टकराते बची। कार चालक गुस्से में ऑटो वाले को ही…

तुलसी कौन थी?

तुलसी(पौधा) पूर्व जन्म मे एक लड़की थी जिस का नाम वृंदा था, राक्षस कुल में उसका जन्म हुआ था बचपन से ही भगवान विष्णु की भक्त थी.बड़े ही प्रेम से भगवान की सेवा, पूजा किया करती थी.जब वह बड़ी हुई तो उनका विवाह राक्षस कुल में दानव राज जलंधर से हो…

राजा परीक्षित का शाप

कौशिकी नदीके तटपर अत्यन्त रमणीय प्राकृतिक स्थानपर शमीक ऋषिका आश्रम था । शमीक ऋषि महान तपस्वी तथा परोपकारी स्वभावके थे । अनेक ऋषिकुमार उनके पास वेदोंका अध्ययन करनेके लिए रहते थे । शमीक ऋषिका पुत्र शृंगी भी उन ऋषिकुमारोंके साथ रहकर अध्ययन कर…

कथा – कुबेर का अहंकार

कुबेर को अपनी संपत्ति और ऐश्वर्य पर अहंकार हो गया था. वह अक्सर इसका दिखावा करते रहते थे. देवों पर धौंस जमाते थे. मौके-बेमौके ऐश्वर्य की डींगे हांकते रहते थे. एक बार कुबेर कैलाश पर शिवजी के दर्शनों के लिए गए. मस्तमौला भोले शंकर के सामने…