लैपटॉप, टैबलेट, पीसी की आपूर्ति तुरंत प्रभावित होने की संभावना है, लेकिन लंबे समय में घरेलू उत्पादन बढ़ेगा
अब तक लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पर्सनल कंप्यूटर और सर्वर का आयात ‘मुक्त’ श्रेणी में था, जिसे अब ‘प्रतिबंधित’ श्रेणी में रखा गया है। यानी इन्हें आयात करने के लिए लाइसेंस की जरूरत होगी. कुछ मामलों में रियायतें भी दी गई हैं. अगर आप विदेश से लौटते समय लैपटॉप लेकर आ रहे हैं तो आपको लाइसेंस की जरूरत नहीं होगी।
लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पर्सनल कंप्यूटर और सर्वर के आयात को प्रतिबंधित श्रेणी में रखने के सरकार के फैसले का उद्देश्य देश में इनके उत्पादन को बढ़ावा देना है। डेल, एसर, सैमसंग, एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स, एप्पल, लेनोवो और एचपी जैसी कंपनियां भारत में लैपटॉप बेचती हैं, लेकिन उनका एक बड़ा हिस्सा चीन और अन्य देशों से आयात किया जाता है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, लैपटॉप, टैबलेट और पर्सनल कंप्यूटर का देश के कुल आयात में लगभग 1.5% हिस्सा है।
इनमें से लगभग आधा चीन से आयात किया जाता है। डेल और एचपी भारत में विनिर्माण संयंत्र वाली एकमात्र प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियां हैं। सरकार चाहती है कि अन्य ब्रांड भारत में विनिर्माण शुरू करें और देश को इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाएं। सोमवार 31 जुलाई, 2023 को सरकार ने आईटी हार्डवेयर के लिए पीएलआई योजना के तहत आवेदन करने की अंतिम तिथि 30 अगस्त, 2023 तक बढ़ा दी। उसी दिन (31 जुलाई) रिलायंस ने नया ‘JioBook’ लॉन्च किया, जिसकी बिक्री 5 अगस्त से शुरू होगी।