सुनंदा पुष्कर केस : यह क्या शशि थरूर को मिल गयी जमानत
नई दिल्ली: कांग्रेस नेता शशि थरूर को उनकी पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में गिरफ्तारी से राहत मिली है। शुक्रवार को अदालत ने उन्हें इस मामले में सुनवाई के लिए बुलाया है। पिछले महीने कहा था अदालत ने कि क्रूरता और आत्महत्या करने के लिए बढ़ावा देने के आरोप में उनके खिलाफ आगे बढ़ने के लिए “पर्याप्त आधार” थे।शशी थरुर को अग्रिम जमानत देते हुए कोर्ट ने कहा कि शशी थरुर अदालत की आज्ञा बिना देश से बाहर नहीं जा सकते हैं और जिसके लिए उन्हें 1 लाख रुपये की राशी सुरक्षा के तौर पर जमा करवानी होगी।
सोशल मीडिया पर अपने पति का पाकिस्तानी पत्रकार के साथ अफेयर होने के इल्जाम लगाने के दो दिन बाद 51 साल की सुनंदा पुष्कर दिल्ली के एक फाइव-स्टार होटल में 17 जनवरी 2014 को मृत पाई गई थी।जांचकर्ताओं का कहना है कि “शशी थरुर अपनी पत्नी की मौत से कुछ दिन पहले उनकी कॉल को नजरअंदाज कर रहे थे”। चार्जशीट का कहना है “ कॉलस् इग्नोर करने के बाद सुनंदा पुष्कर ने सोशल मीडिया के द्वारा उन तक पहुंचने का प्रयास किया लेकिन शशी थरुर ने उन मैसेजिस को भी नजरअंदाज कर दिया”।
पुलिस के कहे अनुसार शशी थरुर को सुनंदा पुष्कर द्वारा किए गए एक मेल में उन्होंने लिखा था “ मुझमें जीने की अब कोई ईच्छा नहीं बच्ची है, मैं अपने लिए सिर्फ मौत की दुआ करती हूं”।सोशल मीडिया पर उनके मैसेजिस और उनका अंतिम मेल पुलिस ने उनके मरने की अंतिम घोषणा के रुप में रखा है। 3000 पन्नों की चार्जशीट पर दोषी के रुप में सिर्फ नाम सामने आता है जो शशी थरुर का है।
अपनी सुरक्षा की अपील में राजनेता का कहना है कि चार्जशीट बिना किसी गिरफ्तारी के दायर की गई थी। शशी थरुर के वकील ने कहा “ कानून बिल्कुल सपष्ट है कि अगर बिना गिरफ्तारी के आरोपपत्र दायर किया जाता है तो जमानत मिलना अनिवार्य है”।
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