तानाशाह किम जोंग की वो अजीब और अनसुलझी हरी ट्रेन
रोचक बातें : उत्तर कोरिया के राष्ट्रपति किम जोंग उन ने मार्च के महीने में जब चीन की यात्रा की थी तो उनकी यात्रा से ज्यादा चर्चा उनकी उस ख़ास ट्रेन की हुई थी. यह वही ट्रेन है जिसे उनके पिता किम जोंग उल दिसंबर 2011 में अपनी मृत्यु से पहले विदेशी दौरों के लिए इस्तेमाल किया करते थे.
गहरे हरे रंग और उस पर पीले रंग की पट्टी’ वाली इस ट्रेन की कुछ ख़ास बातें बताते हुए साल 2009 में एक दक्षिण कोरियाई समाचार पत्र ‘द चोसन इल्बो’ ने लिखा था कि किम जोंग इल की बख़्तरबंद ट्रेन में क़रीब 90 डिब्बे थे. उसमें कॉन्फ्रेंस रूम, ऑडियन्स चेंबर, बेडरूम था और सैटेलाइट फ़ोन-टीवी कनेक्शन भी लगे हुए थे. ऐसा माना जाता है किम जोंग-इल की मौत भी इसी अधिकारिक ट्रेन में हुई थी जब वो उत्तर कोरिया के बाहर एक मुआयने पर थे.
इस रेलगाड़ी में दुनिया की सबसे महंगी वाइन होती थी. ट्रेन में शानदार पार्टी हुआ करती थी. किम जोंग के लिए हाई-सिक्योरिटी वाले कम से कम 90 कोच तैयार रहते हैं. इसका हर डब्बा बुलेटप्रूफ़ होता है, जो सामान्य रेल कोच की तुलना में कहीं ज़्यादा भारी होता है. ज़्यादा वजन होने की वजह से इसकी रफ़्तार कम होती है. अनुमान के मुताबिक़ इसकी अधिकतम स्पीड 37 मील प्रति घंटे तक जाती है|एक और ख़ास बात ये है कि उत्तर कोरिया में अलग-अलग जगह ऐसे बाईस रेलवे स्टेशन बनाए गए हैं जो किम जोंग के व्यक्तिगत इस्तेमाल के लिए हैं.
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साल 2015 में इसी ट्रेन के एक कोच में किम जोंग उन एक लंबी सफ़ेद टेबल पर बैठे नज़र आए थे जो एक कॉन्फ़्रेंस रूम की तरह दिख रहा था.अपने चीन दौरे में किम जोंग उन ने शहर में एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए अपनी मर्सिडीज़ बेंज़ एस क्लास का इस्तेमाल किया था और यह मर्सिडीज़ बेंज़ एस भी उनकी ट्रेन में ही रहती है.