हरियाणा में इमिग्रेशन फ्रॉड रोकने के लिए एसआईटी ने एजेंट्स के लिए तैयार किया है प्लान
हरियाणा के एजेंट अब नहीं कर सकेंगे इमिग्रेशन में ठगी इसके लिए गठित स्पेशल टास्क फोर्स एसआईटी ने फुल प्रूफ प्लान तैयार किया है। SIT ने इमिग्रेशन एजेंटों के लिए 25 लाख रुपए की बैंक गारंटी जमा करना अनिवार्य कर दिया है। इस संबंध में एक प्रस्ताव भी हरियाणा पुलिस को सौंपा गया है।
बैंक गारंटी दस्तावेज एजेंटों द्वारा जिला पुलिस अधीक्षक (एसपी) को प्रस्तुत किया जाना है। इससे धोखाधड़ी की स्थिति में कोई भी राशि आसानी से वसूल की जा सकती है। वर्तमान में एजेंट एक बार धोखाधड़ी करने के बाद कोई निशान नहीं छोड़ते हैं और उन्हें पकड़ना बहुत मुश्किल हो जाता है। अंबाला रेंज के आईजी सिबास कबीराज की अध्यक्षता वाली एसआईटी टीम ने राज्य पुलिस को मसौदा प्रस्ताव सौंप दिया है। इसके बाद पुलिस विभाग के माध्यम से प्रस्ताव राज्य सरकार को स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा। बढ़ते आव्रजन धोखाधड़ी के जवाब में राज्य के गृह मंत्री अनिल विज ने इसका गठन किया था।
मौजूदा समय में अगर इमिग्रेशन एजेंट 30-40 लाख रुपये की धोखाधड़ी करते हैं, तो सरकार के पास बैंक गारंटी के अभाव में इसे ठीक करने का कोई तंत्र नहीं है। ऐसे मामलों में मामला दर्ज करने के लिए और गिरफ्तारी के बाद भी वसूली का प्रावधान नहीं है। हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने राज्य में आव्रजन धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों को देखते हुए इस साल 17 अप्रैल को नई एसआईटी का गठन किया था। इसके गठन के बाद अब तक नई एसआईटी धोखाधड़ी के मामलों में 23 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। साथ ही 138 मामले दर्ज किए गए हैं। धोखाधड़ी के मामलों में फर्जी वीजा, फर्जी हवाई टिकट, किसी व्यक्ति को गलत देश भेजना शामिल है।