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शिवराज सरकार मुश्किल में, सामने आया सहकारिता बैंक में 180 करोड़ का घोटाला

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सीएम कमलनाथ के करीबियों पर आयकर के छापे और पूर्व सीएम शिवराज के करीबियों पर ई-टेंडरिंग घोटाले की कार्रवाइयों के बीच गुरुवार को भोपाल को-ऑपरेटिव बैंक में भी 180 करोड़ रुपए का घोटाला पकड़ा गया। बताया जा रहा है कि, यह घोटाला पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के कार्यकाल में हुआ।

खबर है कि, सहकारी बैंक में यह बड़ा घोटाला कमलनाथ सरकार के वरिष्ठ सदस्य सहकारिता मंत्री डॉ गोविंद सिंह ने स्वयं पकड़ा है। मालूम हो कि, सहकारी मामलों के विशेषज्ञ कहे जाने वाले डॉ सिंह भोपाल जिले के प्रभारी मंत्री भी हैं।

जानकारी के मुताबिक डॉ सिंह ने इस मामले में मुख्य मंत्री कमलनाथ और प्रदेश के मुख्य सचिव एसआर मोहंती से सहकारिता के प्रमुख सचिव अजीत केसरी की शिकायत करते हुए, मामले में शीघ्र एफआईआर दर्ज कराए जाने की अनुशंसा की है। केसरी पर मामले में सहयोग न करने का आरोप है।

मालूम हो कि, शिवराज सिंह चौहान जब सूबे के मुखिया थे तब भी व्यापम, खनिज, डम्फर, नर्मदा घोटालों में उनका और उनके करीबियों का नाम आता रहा है। इनमें व्यापम सबसे बड़ा घोटाला माना जाता है, सौ से अधिक लोगों की मौतें इसी से जुड़ी समझी जाती हैं।

लेकिन विधान सभा चुनाव के कुछ पहले ही सामने आया 3000 करोड़ का ई-टेंडरिंग घोटाला व्यापम से भी बड़ा प्रतीत होता है। यह घोटाला मात्र तीन माह में कर लिया गया। सीएम कमलनाथ करीबियों पर की गई आयकर छापों की कार्रवाई के बाद बुधवार को इस मामले एफआईआर दर्ज कराई गई। सभी आरोपी शिवराज सिंह चौहान और भाजपा के करीबी समझे जाते हैं। इसी क्रम में सहकारिता घोटाला सामने आने के बाद प्रतीत होता है कि आने वाले समय में अन्य विभागों के इसी तरह के मामले भी खुल सकते हैं।

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