Russia-Ukraine war: यूक्रेन में बिजली कटौती से जनजीवन अस्त-व्यस्त, ऊंची इमारतों में रहने वाले लोग बेहाल
कड़ाके की ठंड के कारण यूक्रेन की राजधानी कीव और अन्य प्रमुख शहरों में जीवन मुश्किल होता जा रहा है। सबसे ज्यादा परेशानी ऊंची इमारतों में रहने वाले लोगों को हो रही है। बिजली की कमी के कारण घरों में पानी नहीं चल रहा है, हीटिंग उपकरण काम नहीं कर रहे हैं और खाना पकाने की सुविधा खत्म हो गई है। ऊंची इमारतों में रहने वाले ज्यादातर लोग रूसी हवाई हमले के सायरन बजने पर लिफ्ट से नहीं उतर सकते। वे भाग्य के भरोसे अपने फ्लैट में रहने को विवश हैं।
कीव में 26 मंजिला इमारत में रहने वाली अनास्तासिया पिरोजेंको का कहना है कि रूसी हमलों ने हमें पाषाण युग में वापस भेज दिया है। यही स्थिति आम नागरिकों की है। कार्यालयों और कारखानों को भी आवश्यक घंटों तक कम कर दिया गया है। ज्यादा बिजली खपत पर चलने वाली फैक्ट्रियां बंद हो गई हैं। विदित हो कि रूस ने अक्टूबर से ऊर्जा संयंत्रों को लक्षित करके यूक्रेन की बिजली आपूर्ति को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाया है।
यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने कहा है कि 24 फरवरी को युद्ध शुरू होने के बाद से रूसी सेना ने उनके देश में 4,700 से अधिक मिसाइलें दागी हैं। इन मिसाइलों ने बड़े और छोटे सैकड़ों शहरों में लाखों इमारतों को नष्ट या बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया है। इन हमलों के कारण दो करोड़ से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं। इनमें से एक करोड़ देश से बाहर रहते हैं। अकेले 8 नवंबर को ही रूस ने यूक्रेन के इलेक्ट्रिकल सिस्टम को तबाह करने के लिए 100 से ज्यादा मिसाइल हमले किए। नतीजतन, यूक्रेन की आधे से अधिक बिजली क्षमता नष्ट हो गई है और 20 मिलियन लोग बिजली के बिना रह रहे हैं।