रीवा के मुस्लिम परिवार का दावा, हमारे पास है दुनिया की सबसे छोटी कुरान
रीवा के एक मुस्लिम परिवार का दावा है कि उसके पास दुनिया की सबसे छोटी कुरान शरीफ है। यह कुरान माचिस की तीली के आकार का है। इस कुरान की लंबाई ढाई सेमी, चौड़ाई डेढ़ सेमी और मोटाई एक सेमी है। यह कुरान अरबी भाषा में लिखा गया है, लिखावट सोने के पानी से की गई है। इसे सिर्फ लेंस से ही पढ़ा जा सकता है।
रीवा में मन्नान मस्जिद के पास रहने वाले मरहूम अनवारुल हक के परिवार के पास यह अनोखी कुरान है. इस्लाम में आस्था का प्रतीक दुनिया की सबसे छोटी कुरान-ए-शरीफ इस मायने में अनूठी है कि लंबाई और चौड़ाई में बेहद कम होने के बावजूद इसे सुनहरे पानी में लिखा गया है। इस कुरान शरीफ के कवर में लगे लेंस से इसकी आयतें आसानी से पढ़ी जा सकती हैं। स्वर्गीय अनवारुल हक का परिवार इस कुरान की सुरक्षा और इस पवित्र पुस्तक को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी महसूस करता है। उन्हें नहीं पता कि यह कुरान शरीफ उनके परिवार में कैसे आ गई।
क्या है इस पाक कुरान की खासियत
इस छोटे आकार के कुरान शरीफ की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें वे सभी आयतें हैं जो बड़े कुरान-ए-शरीफ में लिखी गई हैं। यह कुरान शरीफ इतनी छोटी है और इसकी बातें इतनी छोटी हैं कि इसे आंखों से देखना बहुत मुश्किल है। इसे बिना लेंस के आंखों से नहीं पढ़ा जा सकता है। इस छोटी सी कुरान शरीफ को देखने के लिए बाहर से बहुत से लोग आते हैं। इस घर के बच्चे भी बड़े चाव से पढ़ते हैं और इस घर के लोगों ने अपने पुरखों की इस विरासत को सात पीढ़ियों तक सहेज कर रखा है और आगे भी रखेंगे।
कुरान शरीफ की दो प्रतियां हैं
मरहूम अनवारुल हक के परिवार के पास यह कुरान शरीफ दो प्रतियों में है, उनके बड़ों के अनुसार यह दुनिया के सबसे छोटे और दुर्लभ कुरानों में से एक है। और यह कुरान शरीफ उनके परिवार के साथ पीढ़ी दर पीढ़ी रही है जिसे उन्होंने बहुत संभाल कर रखा है।