प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को बैसाखी, बिहू, पुतांडू और उड़िया नव वर्ष की दीं शुभकामनाएं
बैसाखी की बधाई देते हुए, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ट्वीट में कहा, “यह एक बहुत ही खास अवसर है, जो आशा, सकारात्मकता और सद्भाव पर जोर देता है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को देशवासियों को बैसाखी, बोहाग बिहू, पुथंडू और उड़िया नव वर्ष की शुभकामनाएं दीं। ये त्यौहार पारंपरिक नव वर्ष की शुरुआत के लिए मनाए जाते हैं और हमारे देश की सामाजिक संस्कृति और समृद्ध विरासत को दर्शाते हैं।
बैसाखी की बधाई देते हुए, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ट्वीट में कहा, “यह एक बहुत ही खास अवसर है, जो आशा, सकारात्मकता और सद्भाव पर जोर देता है। मैं चाहता हूं कि हर कोई खुश और स्वस्थ रहे। मैं चाहता हूं कि लोगों की आकांक्षाएं पूरी हों।
एक अन्य ट्वीट में प्रधानमंत्री ने लोगों को बोहाग बिहू की बधाई दी। उन्होंने कहा, “मैं इस साल बोहाग बिहू के मौके पर असम के लोगों के साथ रहूंगा। मुझे उम्मीद है कि यह त्योहार हमारे समाज में सौहार्द और भाईचारे की भावना को मजबूत करेगा।
प्रधानमंत्री ने भी देशवासियों को पान संक्रांति और पुथंडू की बधाई दी और उनके स्वस्थ और सुखी जीवन की कामना की।
गौरतलब है कि फसल उत्सव से जुड़े इन त्योहारों को देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग नामों से मनाया जाता है।
यह त्योहार आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में ‘उगादी’ और कर्नाटक में ‘युगादी’ के रूप में मनाया जाता है। यह त्योहार महाराष्ट्र में ‘गुड़ी पड़वा’ और तमिलनाडु में ‘पुथंडु’ के रूप में मनाया जाता है।
केरल में हमारे मलयाली भाई-बहन इस त्योहार को ‘विशु’ कहते हैं, जबकि पंजाब में लोग इसे ‘वैशाखी’ के नाम से मनाते हैं। ओडिशा में इसे ‘पान संक्रांति’ के रूप में मनाया जाता है। पश्चिम बंगाल में ‘पोइला वैशाख’ और असम में ‘बोहाग बिहू’ नए साल के आगमन का प्रतीक है।
उत्सव अलग-अलग नामों से आयोजित किया जाता है, लेकिन उल्लास, उत्साह और आत्मीयता से भरा उत्सव का माहौल हर जगह एक जैसा है।
हिन्दू पंचांग के अनुसार हर वर्ष चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को नववर्ष की शुरुआत होती है।