भारत के बारे में विदेशी पर्यटकों की धारणनाएं, जो बिल्कुल गलत हैं
भारत में एक सबसे अच्छी खास बात यह है कि यह अपने धर्म, संस्कृति, भाषा, परंपराओं की वजह से जाना है। कहते हैं कि भारत में हर 100 किलोमीटर के बाद भाषाएं बदलती हैं। यहां हर प्रांत हर गांव की अपनी भाषा बोली है। ऐसा नहीं है कि विदेशी पर्यटक यहां नहीं आते। वह आएं भी और उन्होंने यहां का भरपूर आनंद भी लिया है। लेकिन बहुत से ऐसे देश व पर्यटक हैं जिनके पास भारत के लिए बहुत सी गलतफहमी है। हम यहां कुछ भ्रामित धारणाएं के बारे में अवगत करा रहें हैं। जिनके बारे विदेशी गलत सोच रखते हैं।
तीखा खाना
वैसे भारत अपने खाने के व्यंजनों के लिए मशहूर तो है ही लेकिन ऐसा नहीं है कि यहां सारी जगह तीखा खाना ही बनता हो। उनके इसके लिए साउथ भेज देना चाहिए जहां इडली और दही के चावल मिलते हैं।
सभी लोगों की त्वचा डार्क
विदेशी पर्यटकों को मानना है कि जैसे ही हम उत्तर की ओर जाते हैं वहां की त्वचा लाईट होती है। और हम दक्षिण की तरफ जाते हैं बहुत ही डार्क टोन होती है। इन लोगों को यह समझने की जरूरत है कि यह दोनों जगह एक दूसरे से बिलकुल अलग है। क्या उन्होंने बॉलीवुड नहीं देखा क्या, जहां सुंदरता झलकती है।
हम भारतीयों की एक भाषा
हम भारतीय लोगों का पता है कि यहां कितनी भाषाएं बोली जाती हैं। लेकिन उनका मानना है कि यहां सिर्फ एक ही भाषा सामान्य बोली जाती है। जब हम जिस देश में रहते हैं वहां भाषा हर 100 कि.मी. में बदलती रहती है। उनका यह मानना सरासर गलत है।
सभी वैजिटेरियन हैं
विदेशियां का यह मानना भी हैं कि भारत में सभी भारतीय वैजिटेरियन है। हां शाकाहारी खाने वालों की संख्या ज्यादा तो हो सकती है लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है कि यहां सभी वैजिटेरियन हैं।
भारत एक गर्म देश है
बहुत से देशों की तरह भारत में भी मौसम बदलते रहते हैं। इसलिए हम कहेंगे कि उनका यह मानना गलत हैं कि भारत गर्म देश है। हमें विदेशियों को सर्दियों के मौसम में बुलाना पड़ेगा ताकि वह जान सके कि भाई हमारा देश एक गर्म देश नहीं है।
यहां एक ही धर्म है
पूरी तरह यह समझना गलत है कि यहां सिर्फ एक ही धर्म है। शायद उन्होंने यह नहीं देखा यहां, हिन्दु, मुस्लिम, सिख, ईसाई, जैन धर्म आदि सभी मिलजुल कर रहते हैं। और यही भारत की विशेषता भी है। चाहे कुछ भी यहां सभी धर्मों के लोग एक साथ भाईचारे के साथ रहते हैं।
भारत एक गरीब देश
सबसे बड़ी और अहम बात यह है कि वो लोग सोचते हैं कि भारत एक गरीब देश है। शायद ‘स्लमडॉग मिलेनियर’ फिल्म देखकर उन्होने यह धारणा को और मजबूत कर लिया है। उनको मुकेश अंबानी का घर और यहां पर होने वाली बड़े विवाह कार्यक्रम दिखाना चाहिए।
चाय को नेशनल ड्रिंक समझना
हमारे यहां कई तरह पेय जल मिलते हैं और इस उनका यह मानना कि यहां सिर्फ चाय ही मिलती है, यह तो बिलकुल गलत है। उन्हें दक्षिण भारत के कोकोनट का जूस पिलाना चाहिए और तमिलनाडु में बनी कॉफी, तब शायद उनको समझ आये कि यहां सब मिलता है।
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