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मेरठ जैसे शहर खुले आम बिक रहा है नशीला पदार्थ- स्टिंग ने खोली सिस्टम की पोल

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देश की युवा पीढ़ी को नशेबाजी की गर्त में ढकेला जा रहा है. मेरठ शहर में खुलेआम सड़कों पर नशीला पदार्थ बिक रहा है. नशे के सौदागर स्कूल और कॉलेज के छात्रों को निशाना बना रहे हैं. मीडिया के मुताबिक, कॉलेज व थानों के पास प्रतिबंधित ड्रग्स बेचने के धंधे का पर्दाफाश किया है. नशे के सौदागर युवाओं को खोखला कर रहे हैं और सिस्टम खामोश है.

Openly selling intoxicating substances on the streets of Meerut, youth made targets - Sabkuchgyan

दूसरा वाला तो उसने खोखे के भीतर से दूसरी पुड़िया निकाली. इसमें अफीम थी. उसकी कीमत 300 रुपये मांगी. माल न लेने पर युवक ने कहा कि भाई ऊपर तक पैसा जाता है. हम तो मजदूर हैं. जिस जगह पर ये नशे का कारोबार चल रहा है, आसपास के लोगों के अनुसार, नशे के खरीददार सबसे ज्यादा मेडिकल और विवि के ही छात्र हैं.

Openly selling intoxicating substances on the streets of Meerut, youth made targets - Sabkuchgyan

स्टिंग ने खोली सिस्टम की पोल

स्टिंग के दौरान शहर में कई जगहों पर खुलेआम चरस, अफीम व अन्य नशीले पदार्थ बिकते मिले. गढ़ रोड पर मेडिकल कालेज के पास एक लोहे का खोखा है. खोखे के गेट पर पहुंचा तो एक युवक ने पूछा क्या चाहिए. बताया जा रहा हैं कि पुड़िया जिसमे चरस थमाते हुए 150 रुपये मांगे.

Openly selling intoxicating substances on the streets of Meerut, youth made targets - Sabkuchgyan

पहले भी हो चुके हैं खुलासे

शहर में बढ़ रहे नशे के कारोबार का पहले भी खुलासा हो चुका है. 28 अप्रैल 2018 को अमर उजाला ने गंगानगर थाने के पास भांग के ठेके की आड़ में चल रहे अवैध नशे के कारोबार का खुलासा किया था. थाना पुलिस और आबकारी विभाग ने आंशिक कार्रवाई करते हुए ठेकेदार के कर्मचारी को जेल भेज दिया था, लेकिन ठेका निरस्त नहीं किया.

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किशोर संप्रेक्षण गृह में भी नशा

पिछले दिनों राजकीय किशोर संप्रेक्षण गृह से जब किशोर भागे थे और बवाल हुआ तो जांच में यह कड़वा सच सामने आया कि यहां रहने वाले किशोर नशे की लत के शिकार थे. वो नशे के लिए किसी भी हद तक जा सकते थे. पैसे देकर संप्रेक्षण गृह के कर्मचारी या उनके मित्र उन्हें नशा उपलब्ध कराते थे. नशे की लत के चलते इन किशोरों ने एक सिपाही को संप्रेक्षण गृह में पीट पीटकर मार डाला था.

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