भौतिक दृष्टि से ही नहीं विज्ञान की दृष्टि से भी दक्षिण दिशा की ओर पीछा करके नहीं सोना चाहिए, होती हैं ये सभी हानियां

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अधिकांश लोगों ने घर के बुजुर्ग गुरुजनों को यह कहते हुए सुना है कि दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके नहीं सोना चाहिए। जब ​​उनसे पूछा गया कि क्यों, तो वे कई भौतिक कारण बताते हैं। कहा जाता है कि दक्षिण दिशा यम की है। जो भी हो, क्योंकि विज्ञान भी कहते हैं दक्षिण दिशा में सिर करके सोना गलत है आइए जानें इसके पीछे का विज्ञान।

क्या है विज्ञान की राय

विज्ञान के अनुसार, रात को सोने के बाद हमारे शरीर में चुंबकीय ऊर्जा का संचार होता है, जिससे नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाती है, जिससे आनंदमय नींद आती है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से कहा जाता है कि चुंबकीय ऊर्जा होती है। दक्षिणी ध्रुव रेखा और उत्तरी ध्रुव रेखा में ऊर्जा, जो दक्षिणी ध्रुव से उत्तरी ध्रुव तक होती है। यदि कोई व्यक्ति दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके सोता है तो उसके शरीर की चुंबकीय ऊर्जा मस्तिष्क की ओर जाती है।

यह शरीर को कैसे प्रभावित करता है:

उत्तर की ओर सिर करके सोने पर पैर दक्षिण की ओर होते हैं और इस समय चुंबकीय ऊर्जा पैरों से होती हुई सिर की ओर जाती है।
घंटों तक ऐसा महसूस होता है जैसे वह रात को सोया ही नहीं है l थकान सिर पर अत्यधिक चुंबकीय बल के कारण होती है l
लेकिन उत्तर दिशा की ओर मुंह करके सोने से यह ऊर्जा खत्म हो जाती है, जिससे हमें चक्कर आने लगते हैं, इसलिए दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके सोएं।
विज्ञान के अनुसार, उत्तर दिशा की चुंबकीय शक्ति के कारण लोगों को सिरदर्द, नींद की समस्या, मानसिक अशांति होती है, जो भविष्य में बड़ी बीमारियों का कारण बन सकती है।
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