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New Design Tyre: अब बदलेगा टायर का डिजाइन, यह करना होगा जरूरी! सरकार ने जारी किए नए नियम…

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New Design Tyre: कभी-कभी खराब टायरों के कारण सड़क दुर्घटनाएं (Road accidents) होती हैं। इसी को देखते हुए सरकार ने टायरों के डिजाइन को लेकर बड़ा फैसला लिया है. सड़क हादसों को कम करने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है।

यह मोटर कंपनियों को वाहन में हर तरह के बदलाव करने का भी निर्देश दे रहा है।

सरकार ने टायरों के डिजाइन में बदलाव के लिए नए नियम (New rules) जारी किए हैं। 1 अक्टूबर से देश को नए डिजाइन के टायर मिलने शुरू हो जाएंगे। साथ ही 1 अप्रैल 2023 से हर वाहन में नए डिजाइन के टायर (New design tires) लगाना अनिवार्य होगा।

मोटर वाहन अधिनियम में परिवर्तन –

सरकार ने हाल ही में मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन किया है, जिसके तहत टायरों की स्टार रेटिंग चेक करने के लिए सिस्टम बनाया जा रहा है। वर्तमान में देश में टायरों की गुणवत्ता ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड रूल्स (Bureau of Indian Standards Rules) पर आधारित है।

हालांकि, टायर खरीदते समय उपभोक्ताओं को गुणवत्ता की जानकारी नहीं मिलती है। अब सरकार रेटिंग सिस्टम लाने जा रही है, ताकि उपभोक्ता टायर खरीदने से पहले देख सकें।

टायर तीन प्रकार के होते हैं –

आमतौर पर वाहनों में लगे टायर तीन कैटेगरी के होते हैं जैसे C1, C2 और C3। यात्री वाहन C1 श्रेणी के टायरों से सुसज्जित है। C2 श्रेणी के टायर छोटे व्यावसायिक वाहनों में और C3 श्रेणी के टायर भारी व्यावसायिक वाहनों में लगाए जाते हैं। सरकार ने टायरों को ईंधन दक्षता के अनुसार स्टार रेटिंग देने की भी व्यवस्था की है।

ये तीन बातें याद रखें-

टायर के लिए तीन मुख्य मानक हैं। रोलिंग प्रतिरोध, गीली पकड़ और रोलिंग ध्वनि उत्सर्जन। ऑटोमोटिव इंडियन स्टैंडर्ड (AIS) सिस्टम के मानक अब इन तीन श्रेणियों पर लागू होंगे। इन मापदंडों के साथ, नए डिज़ाइन किए गए टायर सुरक्षित होंगे।

रोलिंग प्रतिरोध वह ऊर्जा है जो कार को खींचती है। यदि टायर का रोलिंग प्रतिरोध कम है, तो वाहन को खींचने के लिए टायर को बहुत जोर से धक्का देने की आवश्यकता नहीं है। कंपनियां नए डिजाइन में टायरों के रोलिंग रेजिस्टेंस को कम करने पर काम करेंगी। इससे ईंधन की खपत भी कम होगी।

वजन घटाने के बाद थकान और लगातार थकान रहेगी।

बरसात के मौसम में गीली सड़कों पर वाहनों के पहिए फिसलने लगते हैं। इसके चलते सड़क हादसों में इजाफा हो रहा है। नए डिजाइन में कंपनियों को वजन का ध्यान रखना होगा ताकि गीली सड़कों पर टायर फिसले नहीं।

इसके अलावा टायर कंपनियों को रोलिंग शोर उत्सर्जन पर काम करना होगा। कई बार वाहन चलाते समय टायरों से आवाज आती है, जिससे चालक को लगता है कि टायर खराब हो रहे हैं। आवाज भी काफी होती। कंपनियां शोर कम करने पर भी काम करेंगी।

उपभोक्ताओं को होगा फायदा

टायरों के नए मानक से ग्राहकों को कई फायदे होंगे। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि विदेशों से घटिया टायरों का आयात बंद हो जाएगा। वर्तमान में चीन से भारत में बड़ी संख्या में टायरों का आयात किया जाता है। ग्राहकों को एक और लाभ यह है कि वे इसकी रेटिंग के आधार पर टायर की गुणवत्ता की पहचान भी कर सकते हैं।

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