NDA का विपक्ष पर प्रहार, “नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार महान राष्ट्र के संवैधानिक मूल्यों का अपमान है”
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने 19 विपक्षी दलों द्वारा नए संसद भवन के उद्घाटन के बहिष्कार की निंदा की है। एनडीए ने विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि यह न केवल अपमानजनक है, बल्कि यह एक महान राष्ट्र के संवैधानिक मूल्यों का भी अपमान है।
अपने बयान में एनडीए ने कहा कि विपक्ष द्वारा नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करना हास्यास्पद गतिविधि है. यह काम संवैधानिक मूल्यों का हनन है। विपक्ष के पाखंड की कोई सीमा नहीं है। इससे पहले भी उन्होंने भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की उपस्थिति में आयोजित जीएसटी के विशेष सत्र का बहिष्कार किया था। इसके अलावा प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न दिए जाने के कार्यक्रम में भी वह शामिल नहीं हुए थे। इसके अलावा जब रामनाथ कोविंद राष्ट्रपति बने तो उन्होंने भी उन्हें आखिरी बार विश किया. इसके अलावा उन्होंने वर्तमान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति बनाए जाने का भी पुरजोर विरोध किया। हालांकि, यह विरोध राष्ट्रपति के विरोध के अलावा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति का सीधा अपमान है।
The audacity of these opposition parties to preach about parliamentary decency and constitutional values is, in the light of their actions, nothing short of laughable. Their hypocrisy knows no bounds – they boycotted the special GST session presided over by the then President of… pic.twitter.com/xA9GaiM64A
— ANI (@ANI) May 24, 2023
एनडी ने आगे कहा कि इस तरह के कृत्य के जरिए विपक्ष देश के लोकतांत्रिक मूल्यों को छिन्न-भिन्न करना चाहता है. पिछले नौ वर्षों में विपक्ष ने संसद की कार्यवाही में तरह-तरह से अड़ंगा लगाया है। इसके लिए वह विभिन्न सत्रों में बोल चुके हैं। इसके अलावा वे कई बार वॉक आउट का सहारा ले चुके हैं. वर्तमान विरोध लोकतंत्र के प्रति उनकी उपेक्षा की एक और छाया है।