10वीं की किताब में एनसीईआरटी का बड़ा बदलाव, लोकतंत्र से जुड़ा चैप्टर हटाया
नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशन रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एनसीईआरटी) ने 10वीं की किताबों से कई चैप्टर हटा दिए हैं। ये अध्याय लोकतंत्र, राजनीतिक दलों से जुड़े थे। कक्षा दसवीं सामाजिक विज्ञान की डेमोक्रेटिक पॉलिटिक्स बुक-2 से चैप्टर को हटा दिया गया है। जानकारी के मुताबिक इन अध्यायों के नाम लोकतंत्र और विविधता, राजनीतिक दल और लोकतंत्र को चुनौती हैं। इसके अलावा एनसीईआरटी ने 10वीं क्लास की साइंस की किताब से भी पीरियोडिक टेबल को हटा दिया है।
एनसीईआरटी की किताबों से अलग-अलग चैप्टर हटाने पर विवाद खड़ा हो गया है। कई विशेषज्ञों ने इस कदम का विरोध किया है। दरअसल, कोविड महामारी के दौरान एनसीईआरटी ने छात्रों के पढ़ाई के बोझ को कम करने के लिए कई चैप्टर हटा दिए थे. अब इसे स्थायी रूप से हटा दिया गया है। वैज्ञानिकों और शिक्षकों ने 10वीं कक्षा के पाठ्यक्रम से महत्वपूर्ण अध्यायों को हटाने के दीर्घकालिक प्रभाव के बारे में चिंता व्यक्त की है।
एनसीईआरटी ने शैक्षणिक वर्ष 2022-23 के लिए संशोधित पाठ्यक्रम जारी किया, जिसमें कक्षा 6 से 12 के लिए 30 फीसदी पाठ्यक्रम को हटा दिया गया। अब इसे स्थाई कर दिया गया है। 2014 से एनसीईआरटी ने तीन पाठ्यक्रम संशोधन किए हैं – 2017, 2019 और 2021 में। इससे पहले अप्रैल में एनसीईआरटी ने कक्षा 9 और 10 की विज्ञान की पाठ्यपुस्तकों से चार्ल्स डार्विन के विकासवाद के सिद्धांत को हटाने का भी फैसला किया था। तब काफी विवाद हुआ था।
कक्षा 11 की राजनीति विज्ञान की पाठ्यपुस्तकों से महात्मा गांधी और स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री, मौलाना अबुल कलाम आज़ाद की हत्या के अध्याय को हटाने पर भी हंगामा हुआ। इसके अलावा, विभिन्न स्तरों पर एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों से मुगल इतिहास के संदर्भ भी काट दिए गए हैं।
हाल ही में, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) की आपत्तियों के बाद, NCERT ने कक्षा 12 की राजनीति विज्ञान की पाठ्यपुस्तक से खालिस्तान के एक अलग सिख राष्ट्र की मांग के संदर्भ को हटा दिया। शिरोमणि समिति ने पिछले महीने आरोप लगाया था कि एनसीईआरटी ने अपनी कक्षा 12वीं की राजनीति विज्ञान की किताब में सिखों के बारे में ऐतिहासिक जानकारी को गलत तरीके से पेश किया था। शिरोमणि कमेटी की विवादित किताब ‘स्वतंत्रता तक भारत में राजनीति’ में आनंदपुर साहिब प्रस्ताव का जिक्र है।