रामचरितमानस विवाद पर मायावती ने तोड़ी चुप्पी, बीजेपी और सपा पर साधा निशाना
समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के रामचरित मानस पर विवादित बयान को लेकर यूपी में सियासत गरमा गई है. इस पर एक तरफ बीजेपी सपा से जवाब मांग रही है तो दूसरी तरफ स्वामी प्रसाद के कद बढ़ने पर मायावती ने भी चुप्पी तोड़ी है. मायावती ने सपा और बीजेपी पर हमला बोला है.
मायावती ने सोमवार को ट्वीट कर कहा कि बीजेपी की राजनीतिक पहचान संकीर्ण राजनीतिक और चुनावी स्वार्थों के लिए नए विवाद पैदा करने, जाति और धार्मिक द्वेष, उन्माद और नफरत फैलाने, संस्कृति का बहिष्कार करने, धर्मांतरण को लेकर उग्रवाद आदि के लिए जानी जाती है. मायावती ने कहा कि रामचरितमानस की आड़ में सपा का यह राजनीतिक रूप दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है.
मायावती ने कहा कि रामचरितमानस पर सपा नेता की टिप्पणी पर विवाद और उस पर भाजपा की प्रतिक्रिया के बावजूद सपा नेतृत्व की चुप्पी दर्शाती है कि दोनों पार्टियों के बीच मिलीभगत है, ताकि अगला चुनाव 2017 में कराया जा सके. जनता के मुद्दों को जलाने की बजाय हिंदू-मुस्लिम लाइन। पागलपन का ध्रुवीकरण किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में पिछले आम विधानसभा चुनाव में सपा-भाजपा गठबंधन बना और धार्मिक उन्माद के जरिए इसे अत्यधिक सांप्रदायिक बनाकर एक-दूसरे के पूरक के रूप में काम किया, जिससे यहां भाजपा की सत्ता में वापसी हुई। इस तरह की घृणित राजनीति का शिकार नहीं होना महत्वपूर्ण है।