जाने रोचक तथ्य से जुड़ी कुछ बातें बच्चों के दूध के दांत क्यों टूट जाते हैं? ये है इसके पीछे का विज्ञान जाने
1.दूध के दांत क्यों टूट जाते हैं?
आमतौर पर बच्चे 6 से 7 साल की उम्र में, जब उनके जबड़े परिपक्व आकार के हो गए हो, अपने प्राथमिक दांत खोने लगते हैं। इस का कारण यह है कि बच्चे का जबड़ा स्थायी दांत को ज़माने के लिए अभी छोटा होता है। 6 साल से लेकर 9 साल के बीच बच्चे के जबड़े का विकास हो चूका रहता हैं वो धीरे धीरे अपने दांत को खोने लगता हैं, दूध के दांत के दर पर स्थायी दांत आने लगते अहिं। नीचे से बढ़ रहे स्थायी दांत दूध के दांत को ढीला कर बाहर निकल देते हैं। दूध का दांत स्थायी दांत की वृद्धि तथा उनके उचित स्थान के मार्गदर्शन उपलब्ध कराने के लिए जिम्मेदार है
विभिन्न प्रकार के दांत अलग अगल समय पर गिरते हैं, सामने के दांत सबसे पहले गिरना शुरू करते हैं। बोनस जानकारी – क्या जानवरों के दूध के दांत भी गिरते हैं? हाँ कुत्ते बिल्लियों समेत तमाम किस्म के स्तनपायी जानवरों में दूध के दांत पाए जाये है जो गिरकर स्थायी दांत में तब्दील हो जाते हैं।
2.पेड़ पौधों को भोजन कैसे मिलता है?
जैसे हमें जीवित रहने के लिए भोजन की आवश्यकता होती है वैसे ही वनस्पति को जीवित रहने के लिए भी भोजन की आवशयकता होती है। हमारे पास भोजन के कई साधन हैं लेकिन पेड़-पौधे अपना भोजन ज़मीन और हवा से प्राप्त करते हैं।
वास्तव में पौधों की जड़ के सिरे रेशों की तरह होते हैं। इन्हें रूट हेयर कहते हैं। ये रेशे ज़मीन से पानी और घुले खनिज पदार्थों को अवशोषित कर के तने और टहनियों के रास्ते पत्तियों तक पहुंचा देते हैं।
पानी के बाद भोजन बनाने का कार्य पत्तियां करती हैं। पत्तियों में हरे रंग के सूक्ष्म क्लोरोफिल मौजूद होता है जिन्हें पेड़ का ट्रांसफार्मर भी कहते हैं। ये मशीन के रूप में कार्य करते हुए सूर्य के प्रकाश से ऊर्जा लेकर पानी की हाइड्रोजन और कार्बन-डाई-ऑक्साइड के कार्बन को शर्करा में बदल देता है।
इस क्रिया के फलस्वरूप ऑक्सीजन और पानी भी बनता है जिन्हें पत्तियां बाहर निकाल देती हैं। शर्करा स्टार्च में बदल कर पेड़ों में एकत्रित होती रहती है। खनिज पदार्थ रासायनिक क्रिया द्वारा प्रोटीन तेल या दूसरें खाद्य पदार्थों में बदल जाते हैं। इन पदार्थों को पेड़ भोजन के रूप में अपनी वृद्धी के लिए प्रयोग करते हैं। यही भोजन पेड़ के सभी भागों में चला जाता है।