किन्नर को भी है “दुल्हन” बनने का अधिकार – लगाई सुप्रीम कोर्ट ने अपनी मुहर
मदुरै। मद्रास हाई कोर्ट ने सोमवार को महत्वपूर्ण फैसला देते हुए कहा कि हिंदू मैरिज एक्ट के अनुसार ‘दुल्हन’ शब्द का इस्तेमाल केवल महिला के लिए ही नहीं बल्कि ट्रांससेक्सुअल के लिए भी होगा। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को इंटर-सेक्स नवजात और बच्चों में सेक्स रीअसाइन्मेंट सर्जरी को बैन करने का आदेश भी दिया।
सुप्रीम कोर्ट के जजों और महाभारत, रामायण का हवाला देते हुए जस्टिस जीआर स्वामीनाथन ने कहा कि हिंदू मैरिज एक्ट में ‘दुल्हन’ शब्द की अभिव्यक्ति का एक स्थिर या अपरिवर्तनीय अर्थ नहीं हो सकता है। यह मानते हुए कि ‘दुल्हन’ शब्द में न केवल एक महिला को शामिल करना होगा, बल्कि एक ट्रांसवुमन भी होगी।
क्या था मामला
मद्रास हाई कोर्ट के माननीय न्यायाधीश ने अधिकारियों को एक ट्रांसवुमन अरुण कुमार और श्रीजा की शादी को रजिस्टर करने का निर्देश दिया। मालूम हो कि, जब रजिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट ने इस कपल की शादी को रजिस्टर करने और प्रमाण पत्र जारी करने से इनकार किया तो इसने न्यायालय की शरण ली थी। उन्होंने 31 अक्टूबर को तूतीकोरिन में एक मंदिर में शादी की थी।
जस्टिस स्वामीनाथन ने सरकार के इस तर्क को भी खारिज कर दिया कि मैरिज रजिस्ट्रार के पास रजिस्ट्रेशन से इनकार करने की शक्तियां थीं क्योंकि कपल ने हिंदू मैरिज एक्ट की धारा 5 की वैधानिक आवश्यकता को पूरा नहीं किया है। उनके मुताबिक शादी के दिन ‘दुल्हन’ शब्द केवल ‘महिला’ के लिए इस्तेमाल हो सकता है।
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