काल सर्प दोष: काल सर्प दोष कैसे बनता है? दोषों को दूर करने के लिए करें यह महा उपाय

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काल सर्प दोष : ज्योतिष शास्त्र में काल सर्प दोष को बहुत ही अशुभ माना गया है। सभी राशियों के कुण्ड में समय-समय पर तरह-तरह के योग बनते रहते हैं। इनमें से कुछ योग शुभ तो कुछ अशुभ माने जाते हैं।

ग्रहों के अशुभ प्रभाव से कुंडली में दोष बनता है। जिसका कुछ राशियों के जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता देखा जा रहा है।

काल सर्प दोष

इन सभी में कालसर्प दोष को सबसे अधिक विनाशकारी माना गया है। ज्योतिषियों के अनुसार जिन व्यक्तियों की कुंडली में कालसर्प दोष होता है उन्हें आर्थिक, शारीरिक और मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसलिए कालसर्प दोष की विधिपूर्वक पूजा का विशेष महत्व है।

कालसर्प दोष के लक्षण क्या हैं?

ज्योतिषियों के अनुसार कालसर्प दोष बनने से उस राशि के जातकों को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यह भी इस बात का संकेत माना जाता है कि जिन लोगों को सपने में मृत्यु या सांप दिखाई देता है उन्हें इससे कष्ट होने की संभावना रहती है। इसी प्रकार इस दोष के बनने से संतान संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

कालसर्प दोष कैसे बनता है?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु और केतु के बीच सभी ग्रह आ जाते हैं तो काल सर्प दोष बनता है।

समाधान क्या हैं?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार श्रावण मास में दूध में जल मिलाकर भगवान शंकर को अर्पित करना चाहिए। इसके अलावा महामृत्युंजय मंत्र का जाप रोजाना कम से कम 5 बार करना चाहिए। इसी तरह कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए शनिवार के दिन पिंपल के पेड़ की पूजा करनी चाहिए। इस वृक्ष की कम से कम 7 बार परिक्रमा करनी चाहिए। कहा जाता है कि ऐसा करने से इस दोष का प्रभाव कम हो जाता है। इसी तरह से पीड़ित व्यक्तियों को नियमित रूप से भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए।

(अस्वीकरण – यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है और केवल जानकारी के लिए प्रदान की गई है। sabkuchgyan.com इन बातों का समर्थन नहीं करता है। कोई भी कार्रवाई करने से पहले, कृपया संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ से सलाह लें।)

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