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इस किले के अंदर माना जाता है भूत प्रेत, कभी भी दिन के उजालों में ना जाए

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आज तक आपने भूत प्रेत के किस्से तो काफी सुने होंगे, लेकिन शायद ही आप इंसानों को गायब कर देने वाले रहस्यमय किले के बारे में ही सुने होंगे,जी हा आज हम आप को एक ऐसे ही किले के बारे में बताने जा रहे है जिसे पढ़कर कर आप की रूह आप काप जायेगी, क्यो कि इस किले को पूर्व में जितनी ही बेहतरीन अर्किओलोजी के साथ बनाया गया था,यह किला उतना ही ज्यादा खौफनाक व भयावह है इस किले के समीप से कोई रात की अंधेरे में जाने की बात छोड़ दे दिन के उजालों में जाने की हिम्मत नही जाता।

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आप को बता दे कि हमारा भारत देश राजा महाराजाओं का देश रहा है और राजाओं ने कई ऐसे खूबसूरत इमारतें, किले व मकबरे बनवाये हैं जो कि कुछ तो मोहब्बत के पैगाम देते हैं तो कुछ किले इतिहास के पन्नों पर दफन हो चुके हैं।लेकिन आज भी कुछ ऐसे के लिए बचे हैं,जो कि एक रहस्यमय में कहानी बयां करते नजर आ रहे हैं।हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के चंदौली जिला मुख्यालय से लगभग तीस किलोमीटर दूरी पर स्थित कमालपुर क्षेत्र के हेतमपुर गाव में स्थित किले की जो कि आज से लगभग पछपन्न दर्शक पूर्व में इस किले को बादशाह हेतमखान के द्वारा बनवाया गया था।हेतम खान के द्वारा बनाये गये बस किले व इस क्षेत्र के कई किवदंतिया आज भी पहेली बनी हुई है, जिसके राज से आज तक किसी ने पर्दा नहीं कर सका।अब आस-पास के गाँव वाले इसे भुतहा किला और भुलैनी कोट की नाम से जानते है।

Inside this fort, it is believed that ghost haunts never go in the light of day. किले

क्योकि ग्रामीणों का मानना है कि लगभग दस दर्शक पूर्व में इस किले की तरफ से एक बारात गुजर रही थी और बारातियों को इस किले की बनावट काफी खूबसूरत लगी और बरात में आये सभी लोग इस किले के अंदर घूमने चले गये जो बराती इस किले के अंदर गये वे गायब हो गये।तभी से ग्रामीणों ने लामबंद होकर इस किलें केसुरंग वाले रास्तो को बंद कर दिया है ।यहाँ के लोगो का मानना है कि इस किलें में भूत,प्रेत-आत्मा का बसेरा है जो इसके भीतर जाने वालो को निगल जाता है।

इस किलें की बनावट को देखकर आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस किलें को बनाने के पीछे हेतमखान की क्या मंशा रही होगी।किले की कलात्मकता को देखते बादशाह के कला प्रेमी होने का संकेत मिलते है वही इसके भीतर व चहारदीवारी में कई गुप्त रास्ते व बेहतरीन अर्किओलोजी की मिसाल पेश करती है।Inside this fort, it is believed that ghost haunts never go in the light of day. किले

हेतमखान के बारे में लोगो का मानना है कि लगभग पांच सौ वर्ष पूर्व इस जगह पर सात भाइयो का राज हुआ करता था,जिनमे हेतम खान सबसे सम्वृद्ध थे इनके भाई नौरंगखान,कमालखान,इनायत खान,कादिरखान,गॉस खान और इकबाल खान थे,जिनके नाम पर गावो को बसाया गया है जो आज भी मौजूद है।बताते हैं की हेतम खान के पास अकूत खजाना था जो आज भी इसी किले के तहखाने में मौजूद है।आज अगर पुरातत्व विभाग चाहे तो इस किले का जीर्णोद्धार कराकर पर्यटन उद्योग को बढ़ावा दे सकता है |

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