उच्च शिक्षा में भारत की अंतरराष्ट्रीय उपलब्धि, आईआईटी ज़ांज़ीबार, तंजानिया में पहला विदेशी परिसर खोलेगा
भारत ने उच्च शिक्षा में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफलता हासिल की है। अब भारत सरकार तंजानिया के ज़ांज़ीबार में भी आईआईटी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान का पहला विदेशी कैंपस खोलने जा रही है। भारत सरकार का यह कदम राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 से भी संबंधित है। एनईपी-2020 में कहा गया कि भारत में अच्छा प्रदर्शन करने वाले विश्वविद्यालयों को दूसरे देशों में भी ले जाने पर जोर दिया जाएगा.
भारत और तंजानिया के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर
विदेश मंत्री एस जयशंकर की तंजानिया यात्रा के दौरान दोनों देशों के शिक्षा अधिकारियों के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किये गये। इसके तहत ज़ांज़ीबार में आईआईटी मद्रास का एक कैंपस स्थापित किया जाएगा। इस कैंपस में अक्टूबर से ही कोर्स शुरू हो जाएगा। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को यह जानकारी दी.
ज़ांज़ीबार कहाँ है और डिग्री कैसे प्राप्त करें?
ज़ांज़ीबार पूर्वी अफ़्रीका में स्थित एक द्वीपसमूह है। 1964 में, तंजानिया गणराज्य बनाने के लिए इसका टांगानिका में विलय हो गया। अधिकारियों ने बताया है कि आईआईटी मद्रास इस परिसर के लिए प्रवेश नियम तय करेगा और डिग्री संस्थान द्वारा ही प्रदान की जाएगी। आईआईटी मद्रास इस कैंपस के लिए रणनीति तैयार करेगा.
Witnessed the signing of the agreement on setting up of @iitmadras Zanzibar campus.
Appreciate President @DrHmwinyi gracing the occasion, as also the presence of his Ministers.
This historic step reflects India’s commitment to the Global South. pic.twitter.com/X3vdnICnSE
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) July 5, 2023
यह ऐतिहासिक कदम- विदेश मंत्री जयशंकर
विदेश मंत्री जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘आईआईटी मद्रास के ज़ांज़ीबार परिसर की स्थापना के लिए समझौते पर हस्ताक्षर का गवाह बना। इस अवसर पर राष्ट्रपति डाॅ. हुसैन अली मिविनी, अन्य मंत्रियों की उपस्थिति के लिए धन्यवाद। विदेश मंत्री ने कहा कि यह ऐतिहासिक कदम ग्लोबल साउथ के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। वहीं, शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि यह अफ्रीका के साथ संबंधों की मजबूती को दर्शाता है।
विदेशों में शिक्षण संस्थान स्थापित करने हेतु 16 सदस्यीय समिति का गठन
वर्ष 2021 में सरकार ने विदेशों में शैक्षणिक संस्थान स्थापित करने के लिए 16 सदस्यीय समिति का गठन किया। इसकी अध्यक्षता आईआईटी परिषद की स्थायी समिति के अध्यक्ष के राधाकृष्णन ने की। उनके द्वारा सरकार को सौंपी गई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि विदेशों में आईआईटी स्थापित करने की दिशा में काम किया जाना चाहिए।