भारत इतिहास रचने को तैयार है, चंद्रयान-3 लैंडर आज शाम चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा

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अंतरिक्ष की दुनिया में भारत इतिहास रचने को तैयार है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के तीसरे चंद्र मिशन के तहत चंद्रयान-3 का लैंडर मॉड्यूल एलएम बुधवार शाम 6:40 बजे चंद्रमा की सतह पर उतरेगा। ऐसा करके भारत दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बनकर इतिहास रच देगा।

दरअसल, अमेरिका, पूर्व सोवियत संघ और चीन चंद्रमा की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ कर चुके हैं, लेकिन चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र पर उनकी सॉफ्ट लैंडिंग नहीं हुई है। चंद्रयान-3 ‘चंद्रयान-2’ का उत्तराधिकारी मिशन है और इसका उद्देश्य चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित और सॉफ्ट-लैंडिंग प्रदर्शित करना, चंद्रमा पर चलना और वैज्ञानिक प्रयोग करना है।

इसरो ने मंगलवार को कहा कि चंद्रयान-3 मिशन तय कार्यक्रम के मुताबिक आगे बढ़ रहा है। अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि ‘इसरो टेलीमेट्री, ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क स्थित ‘मिशन ऑपरेशंस कॉम्प्लेक्स’ में उत्साह का माहौल है। इसरो ने कहा कि चंद्रयान-3 के चंद्रमा की सतह पर उतरने का  से सीधा प्रसारण बुधवार शाम 5.20 बजे से शुरू किया जाएगा. लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान के साथ लैंडर मॉड्यूल के बुधवार शाम 6.45 बजे चंद्रमा की सतह के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र के पास उतरने की उम्मीद है।

आपको बता दें कि चंद्रयान-2 मिशन 7 सितंबर, 2019 को चंद्रमा पर उतरने की प्रक्रिया के दौरान विफल हो गया था, जब इसका लैंडर ‘विक्रम’ ब्रेक सिस्टम में खराबी के कारण चंद्रमा की सतह से टकरा गया था। भारत का पहला चंद्र मिशन चंद्रयान-1 2008 में लॉन्च किया गया था। 14 जुलाई को, भारत ने ‘लॉन्च व्हीकल मार्क-III’ रॉकेट के माध्यम से 600 करोड़ रुपये की लागत से अपना तीसरा चंद्र मिशन – ‘चंद्रयान -3’ लॉन्च किया। इसके तहत अंतरिक्ष यान अपनी 41 दिन की यात्रा में एक बार फिर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ का प्रयास करेगा, जहां अब तक कोई भी देश नहीं पहुंच सका है।

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