जोक्स : मस्ती भरे मजाक- खुश रहो मस्त रहो
‘तुम अधिक पेड़ उगाने पर इतना ज़ोर क्यों देते हो?’ पत्नी ने अपने मंत्री पति से जानना चाहा।
‘तुम इतना भी नहीं जानती।’ मंत्री जी का जवाब था, जिसको पाने के लिए इतने हथकंडे अपनाने पड़ते है, वह पेड़ की लकड़ी से ही बनती है।
एक साहब उस दिन कह रहे थेः मेरा बेटा हमेशा भविष्य की सोचता है जब भी उससे कोई काम के लिए कहा जाए तो कहता है कल करूंगा।
बातूनी पत्नी ने पूछा, ‘घर में टेलीफोन कब लगवा रहे हो?’
पति का जवाब था, ‘तुम चाहती क्या हो कि मैं दफ्तर में भी चैन की सांस न लूं।’
मौसीजी ने जानना चाहा, गुड़िया, लगता है अब तुम खुशी मन से स्कूल जाती हो।’
नहीं, मौसी, मैं तो बस से जाती हूँ। गुड़िया ने बताया।
एक सहेली- मैं अपने क्रिकेटर पति से बहुत दुखी हूँ। 1265
दूसरी सहेली- क्यों? क्या हुआ बहन।
एक सहेली- कभी गुस्से में उन्हें कोई चीज़ उठाकर मारूं तो वह कैच कर लेते हैं।
एक दोस्त (दूसरे दोस्त से)- एक माँ अपने बेटे को आदमी बनाने के लिए 25 साल लगाती है और पत्नी उसे उल्लू बनाने में सिर्फ 25 मिनट लगाती है।
पति- हमारी शादी की सालगिरह आ रही है। तुम्हें याद है न कि हमारी शादी किस दिन हुई थी?
पत्नी- भला मैं कैसे भूल सकती हूँ? उस दिन हमारा कुत्ता टॉमी मरा था।
एक फाइव स्टार होटल में मैनेजर एक पर्यटक से कह रहा था- ‘आपके लिए कमरा न. 420 तैयार है यह लीजिए कमरे की चाबियाँ। मच्छर भगाने वाला यंत्र, कॉकरोच मारने की दवा और चूहे पकड़ने वाली जाली सारी चीज़े कमरे में मौजूद हैं।
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