अगर आप अपने स्मार्टफोन को सुरक्षित रखना चाहते हैं तो साइबर फ्रॉड से बचाव के लिए इन 5 टिप्स को अपनाएं

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स्मार्टफोन आज के समय में इंसान की जरूरत बन गया है। निजी काम हो या ऑफिस का कोई काम, उसके लिए स्मार्टफोन की जरूरत होती है। स्मार्टफोन लोगों के लिए जानकारी बचाने या ऑनलाइन पैसों का लेन-देन करने के लिए उपयोगी साबित हो सकता है और इस वजह से साइबर अपराध में भी भारी बढ़ोतरी देखी गई है। इस रिपोर्ट में हम आपको कुछ ऐसे टिप्स बताएंगे, जिन्हें अपनाकर आप खुद को ऑनलाइन फ्रॉड से बचा सकते हैं और अपने स्मार्टफोन को सुरक्षित रख सकते हैं।

हैकर्स स्पैम लिंक्स, वायरल, मालवेयर और अन्य तरीकों से बैंकिंग डिटेल्स चुराने की कोशिश करते हैं, हालांकि मोबाइल कंपनियां सिक्योरिटी अपडेट्स भी रोल आउट कर रही हैं, हालांकि मोबाइल यूजर्स को सतर्क रहने की जरूरत है।

स्मार्टफोन को हमेशा लॉक करके रखें

यदि आप अपने स्मार्टफोन में व्यक्तिगत डेटा, बैंक विवरण, ऐप्स या कोई अन्य महत्वपूर्ण जानकारी संग्रहीत करते हैं, तो स्मार्टफोन को लॉक रखें। स्मार्टफोन इनबिल्ट लॉक सिस्टम के साथ आता है, जिसमें आप स्मार्टफोन को लॉक करने के लिए पिन, फिंगरप्रिंट, पैटर्न या यहां तक ​​कि फेस लॉक का इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर आपका फोन खो भी जाता है तो भी डाटा सुरक्षित रहेगा।

समय-समय पर स्मार्टफोन का पासवर्ड बदलते रहें

अक्सर ऐसा होता है कि लोग एक ही पासवर्ड को लंबे समय तक इस्तेमाल करते हैं। जबकि स्मार्टफोन में एक ही पासवर्ड को ज्यादा देर तक नहीं रखना चाहिए। बार-बार पासवर्ड बदलने से हैक होने का खतरा कम हो जाता है। इसके अलावा किसी वेबसाइट या ऐप पर अपना यूजरनेम और पासवर्ड सेव करने से पहले उसके नियम और शर्तें पढ़ लें। अक्सर यह जानकारी तीसरे पक्ष को उपलब्ध कराई जाती है।

स्मार्टफोन में एंटी-वायरस इंस्टॉल करें

साइबर फ्रॉड के ज्यादातर मामलों में देखा गया है कि स्कैमर्स स्पैम लिंक भेजकर यूजर्स को बरगलाते हैं। हालाँकि, अब कई एंटी-वायरस उपलब्ध हैं, जिनका उपयोग स्मार्टफोन में मौजूद किसी भी वायरस या मैलवेयर को हटाने के लिए किया जा सकता है, जिससे आपका स्मार्टफोन सुरक्षित रहता है।

स्मार्टफोन को अपडेट करते रहें

स्मार्टफोन कंपनियां समय-समय पर ग्राहकों को फोन के ऑपरेटिंग सिस्टम में अपडेट उपलब्ध कराती हैं। अगर आप अपने स्मार्टफोन को अपडेट रखते हैं तो डिवाइस के पुराने ओएस सिस्टम में मौजूद कई तरह के वायरस और बग अपने आप हट जाते हैं, जिससे डिवाइस पर मैलवेयर और वायरस का खतरा कम हो जाता है।

प्रमाणित स्रोतों से ही ऐप्स इंस्टॉल करें

कई बार लोग असुरक्षित लिंक और अप्रमाणित प्लेटफॉर्म से कोई भी गेमिंग एप्लिकेशन या अन्य एप्लिकेशन डाउनलोड कर लेते हैं। ऐसे में डिवाइस से जुड़ी ज्यादातर जानकारियां स्पैमर्स या थर्ड पार्टी ऐप्स के यूजर्स तक पहुंच जाती हैं, जिससे ऑनलाइन फ्रॉड का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए Android स्मार्टफोन यूजर्स सिर्फ Google Play Store से ऐप्स डाउनलोड कर सकते हैं और iPhone यूजर्स ऐपल स्टोर से ऐप्स डाउनलोड कर सकते हैं, हालांकि उसमें भी डाउनलोड करते वक्त कुछ बातों का ध्यान रखना होता है।

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