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ऐसे पहचानें डिप्रेशन की दस्तक

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शारीरिक स्वास्थ्य की तरह ही मानसिक स्वास्थ्य भी उतना ही महत्वपूर्ण है। जिस तरह शारीरिक परेशानी की पहचान कर उसका तुरंत इलाज शुरू करना जितना जरूरी है उतना ही जरूरी है तनाव के दौर से गुजर रहे किसी व्यक्ति की मनःस्थिति को जानकर उसका इलाज शुरू करना। लेकिन शारीरिक बीमारियों की तरह इसके कोई निशान शरीर पर नजर नहीं आते है ऐसे में मन से बीमार व्यक्ति की पहचान किस प्रकार की जाए ताकि उसे सही समय पर इलाज मिल सके।

इनसे ला सकते हैं बदलाव

स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं नियमित व्यायाम, संतुलित आहार लें। नुकसान पहुंचाने वाली आदतें जैसे अत्यधिक अल्कोहल लेना, धूम्रपान और ड्रग की लत। -परेशानी की पहचान कर उसे मैनेज करना सीखें।

जहां भी जरूरत हो अपने परिवार या दोस्तों से सपोर्ट लें

यदि परेशानी अधिक बढ़ जाए तो विशेषज्ञ से जरूर सलाह लेनी चाहिए। ये हो सकते हैं लक्षणरू- यदि कोई अनमना सा होरू आपके परिवार में या आपका कोई मित्र अनमना सा रहने लगा हो और भावनाओं के वश में आकर अधिक मात्रा में खाना शुरू कर दिया हो तो उनसे बात करें कि कहीं उन्हें आपकी मदद की जरूरत तो नहीं। लत की गिरफ्त में होरू अल्कोहल, कैफीन या ड्रग जैसी चीजों में ज्यादा-से-ज्यादा डूबा रहता हो तो इसका मतलब है कि वह अपनी किसी समस्या या दुख से भागने के लिए ऐसा कर रहा है।

उत्साह हो जाए खत्म

आपके परिवार या किसी मित्र में किसी काम के प्रति बहुत थोड़ा ही उत्साह बचा हो तो इसका मतलब है कि वह डिप्रेशन में है। भावनाओं में उतार-चढ़ावरू एक पल कोई खुश और अगले ही पल दुखी नजर आए तो इसका मतलब है कि उसके अंदर कोई न कोई समस्या अवश्य चल रही है, जिसे सुलझाने की जरूरत है।

चिपक जाए किसी एक काम से

यदि कोई अपना अधिकांश वक्त किसी एक काम पर केंद्रित कर दे और अपनी उस हॉबी को वक्त बिताने का जरिया बना ले तो इसका मतलब है कि वह तनाव से गुजर रहा है। तुरंत आ जाता है गुस्सारू आसानी से गुस्सा आ जाता हो या छोटी-छोटी बात पर उदास हो जाते हों तो इसका मतलब है कि वह व्यक्ति आंतरिक रूप से शांत नहीं है, तनाव की स्थिति से गुजर रहा है। दिशा और लक्ष्य से गए हों भटकरू कोई व्यक्ति जो अपनी दिशा और अपने तय लक्ष्य से भटक गया हो तो इसका मतलब है कि वह डाउन महसूस कर रहा है। कम कर देते हैं पहले से घुलना-मिलनारू अपने मित्रों से मिलना

जुलना कम कर देते हैं

अपने स्तर पर अपनी समस्या दूर करने का प्रयास करते हैं लेकिन सबसे बेहतर तरीका है कि चीजों पर बात की जाए। जिंदगी को लेकर भ्रमित रहते हैंरू कई लोग अपने जीवन के लक्ष्य को लेकर भ्रमित रहते हैं, इसका मतलब है कि वो डिप्रेशन में हैं। बहुत सोते हैं या सोने में होती है परेशानीरू जो लोग पहले की तुलना अब अधिक सो रहे हैं या जिन्हें नींद आने में परेशानी हो रही है तो इसका मतलब है कि वो भावनात्मक रूप से परेशान हैं।

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