हीट स्ट्रोक कैसे मौत का कारण बनता है? कौन से व्यक्ति सबसे ज्यादा पीड़ित हैं?
हीटस्ट्रोक क्या है और इस घटना के बाद इसके लक्षण क्या हैं? और हीटस्ट्रोक से मौत कैसे होती है? ऐसे कई सवाल आपके दिमाग में जरूर कौंधे होंगे। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से..
हीट स्ट्रोक को हीट स्ट्रोक या सनस्ट्रोक के नाम से भी जाना जाता है। उच्च तापमान के संपर्क में आने से शरीर की थर्मो-बैलेंसिंग प्रणाली बाधित होती है। पर्यावरण के उच्च तापमान या जोरदार गतिविधियों के कारण हमारा शरीर इसे बर्दाश्त नहीं कर पाता है और यह हीट स्ट्रोक का कारण बनता है। हाइपरथर्मिया के कारण शरीर का तापमान अचानक उच्च स्तर तक बढ़ जाता है। ऐसे में अगर समय पर उचित उपचार नहीं मिला तो व्यक्ति के मस्तिष्क के ऊतकों को नुकसान पहुंचेगा और व्यक्ति कोमा में चला जाएगा और मृत्यु होने की संभावना है।
हीट स्ट्रोक से कौन पीड़ित हो सकता है?
1) 1 साल से कम और 1 से 5 साल तक के बच्चे
2) बुजुर्ग
3) ह्रदय रोग, फेफड़ों की बीमारी, मधुमेह वाले लोग
4) गर्भवती महिलाएं
5) मोटापा, या जो लोग ज्यादा पानी नहीं पीते
हीट स्ट्रोक से बचने के लिए क्या करें?
1) खुद को हीटस्ट्रोक से बचाने के लिए सबसे पहली और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जितना हो सके सूरज के संपर्क में आने से बचें। भीषण गर्मी के कारण जितना हो सके घर पर ही रहें। बाहर भी जाएं तो सिर पर टोपी जरूर लगाएं।
2) या घर से निकलने से कम से कम 10 मिनट पहले त्वचा पर सनस्क्रीन लोशन लगाएं।
3) गर्मियों में तेज पेय पदार्थ न पियें।
4) खूब पानी पिएं। बाहर जाते समय पानी की बोतल हमेशा पास में रखें।