कैसे आप अपने बच्चे को दिनभर फोन और टीवी में लगे रहने से कैसे बचा सकते हो
आज के दौर में ज्यादातर माता-पिता को अपने बच्चों से शिकायत होती है कि वो दिनभर TV और स्मार्टफोन में घुसे रहते हैं, न बाहर जाकर खेलते हैं और न ही पढ़ाई करते हैं। अगर आपके घर में भी बच्चे हैं, तो आपने भी ये नजरा जरूर देखा होगा। पहले बच्चे को चुप कराने के लिए मां की जरूरत होती थी लेकिन अब हाथ में फोन पकड़ा दो बच्चा सब भूल-भालकर उसमें घुस जाता है। फिर 3-4 साल बाद जब बच्चे को स्मार्टफोन और टीवी की आदत लग जाती है, तो हम उसे छुड़ाने की कोशिश करते हैं।
क्या आप जानते हैं बच्चों की इस आदत के जिम्मेदार कोई और नहीं बल्कि हम खुद हैं।
जो उनके हाथ में सबसे पहले ये थमाते हैं।
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अगर आप अब अपनी गलती समझ गये हैं और बच्चों की ये आदत छुड़ाना चाहते हैं।
तो आपको मॉली से सीखने की जरूरत है।
मॉली पेशे से एक लेखक और ब्लॉगर हैं।
कुछ समय पहले तक मॉली भी बच्चों की इस समस्या से पीड़ित थी।
लेकिन बाद में उन्होंने इस समस्या का ऐसा तोड़ निकाला कि आज की डेट में उनके बच्चे खेल-कूद और पढ़ाई में आगे रहते हैं… क्या आप भी ये तोड़ जानना चाहेंगे? आइ बताते हैं आपको भी…
ये तो आप समझ चुके हैं कि बच्चों की इस आदत के जिम्मेदार आप ही हैं।
तो इस आदत को छुड़ाने के लिए भी आपको ही पहल करनी होगी।
जब-तक आप स्मार्टफोन और TV को नहीं छोड़ेंगे, तब-तक बच्चे भी इसके चुंगल से नहीं निकल पाएंगे।
मॉली बताती हैं कि टीवी, मोबाइल आदि की वजह से वह अपने बच्चों के साथ समय नही बिता पाती थीं। इस वजह से उन्होंने मोबाइल और टीवी पर समय बिताना कम कर दिया यही नहीं इसके साथ ही उन्होंने बच्चो का भी टीवी देखना एक समय निर्धारित कर दिया, बच्चे केवल उसी समय पर निर्धारित समय के अंतराल में ही टीवी देखते हैं। मॉली ने निर्णय लिया कि वह बच्चों के साथ अपनी छुट्टी का ज्यादा से ज्यादा समय निकालेंगे और उनके साथ खेलेंगी। वह छुट्टी वाले दिन बच्चों के साथ आउटडोर गेम्स खेलती हैं, जैसे स्विमिंग, साइकिलिंग इत्यादि। मॉली के साथ-साथ उनके पति ने भी बच्चों को समय देना शुरू कर दिया है… इसके बाद से ही उनके बच्चों में उन्होंने बदलाव महसूस किया।
अब बच्चे मोबाइल फोन की जिद्द नहीं करते और न ज्यादा टीवी देखना पसंद करते।
वह खेलकूद के साथ-साथ नई-नई कहानियां पढ़ना पसंद करते है।
मॉली ने बताया कि बच्चों के साथ-साथ उन्होंने भी टीवी और सोशल मीडिया पर समय बिताना कम कर दिया, जिससे उनमें और उनके बच्चों में हैप्पीनेस लेवल बढ़ा।
इसका अर्थ ये है कि जैसा आप करेंगे बच्चे भी वैसा ही करेंगे… अगर आप बच्चों को फोन और टीवी से दूर करना चाहते हैं… तो खुद भी उनका इस्तेमाल बंद करके अपने बच्चों के साथ समय बिताइए।
फिर देखिए… कैसे छूटती है बच्चों में खराब आदत।