बाली ने कैसे लिया श्री राम से अपनी मौत का बदला
आज हम बात करेंगे कि बाली ने राम से अपनी मृत्यु का बदला कैसे लिया था। आप लोग सभी जानते हैं कि राम ने बाली को छल से मारा था और यह अधर्म होगा परंतु राम ने बाली को यह कहा था कि तुम मुझे अगले जन्म में तुम मेरी मृत्यु का कारण बन जाना और तुम मेरे प्राण ले लेना तो जब श्री कृष्ण का जन्म हुआ।उसके साथ ही उनकी मृत्यु बाली के हाथों लिख दी गई थी
परंतु बाली ने दूसरा जन्म जरा के रूप में लिया था जो एक शिकारी था कृष्ण के पैर में एक चमकता हुआ दाग था जो रात में चमकता था।बाली सुग्रीव का भाई बड़ा भाई था। और उसके धर्मपिता देवराज इंद्र ने उनकी सुरक्षा को देखते हुए उन्हें एक स्वर्ण हार दिया था। इस हार में ब्रह्मा जी का वरदान छिपा था। कि जो भी इस हार को पहन कर रन भूमि में जाएगा तो उसके सामने वाले प्रतिद्वंदी की आधी शक्ति उसमे समा जाएगी। इसी कारण बाली जिस भी युद्ध को लड़ने जाता था। वह उसको जीत ही जाता था। इस प्रकार बाली का नाम अजेय बाली भी पड़ गया।और श्रीकृष्ण रात में एक पेड़ के नीचे बैठे थे और जरा ने उन्हें चिड़िया समझकर बाण चला दिया जिसके कारण श्रीकृष्ण की मृत्यु हो गई और इसलिए बाली ने भी उन्हें बिना देखे मारा
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