इतिहास: इन 5 महापुरुषों को मिला था अमर रहने का वरदान, आज भी है जिंदा

इस संसार में जिसका जन्म हुआ है उसकी मृत्यु होना भी तय है. कोई भी संसार में अजर या अमर या अजर नहीं हो सकता है. जो जन्म लेता है उसकी मृत्यु होती ही है और वो फिर से किसी जीव या मनुष्य के रूप में जन्म लेता है. यही एक चक्र है. लेकिन पुराणों की माने तो कुछ ऐसे महापुरुष भी हैं जिन्हे अमरता का वरदान मिला है और वे आज भी जिंदा है. आइये जानते हैं इन महापुरुषों के बारे में.
हनुमान: हनुमान जी को अमरत्व का वरदान प्राप्त है. इस बात का उल्लेख महाभारत और रामायण दोनों में किया गया है. सीता माता ने उन्हें अशोक वाटिका में अमर होने का वरदान दिया था इसी कारण वे आज भी जिंदा है.
अश्वत्थामा: गुरु द्रोणाचार्य के पुत्र अश्वत्थामा को भगवान कृष्ण ने श्राप दिया था कि वे अनंत काल तक इस पृथ्वी पर भटकते रहेंगे और उनके शरीर में ऐसे रोग होंगे जिनका कोई इलाज नहीं होगा. कहा जाता है कि वे आज भी इस पृथ्वी पर जिंदा है.
राजा बलि: राजा बलि को महादानी भी कहा जाता है. इन्होने भगवान विष्णु के वामन अवतार को अपना सब कुछ दान कर दिया था. इसके बाद प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने उन्हें अमरता का वरदान दिया और पाताल का राजा बना दिया.
ऋषि मार्कंडेय: ऋषि मार्कंडेय भगवान शिव के परम भक्त थे उन्होंने शिव की कठोर तपस्या की और इसके बाद उन्होंने महामृत्युंजय मन्त्र को भी सिद्ध कर लिया था जिस से उन्हें मृत्यु पर विजय प्राप्त हो गई थी.
विभीषण: विभीषण रावण के भाई थे और उन्होंने श्री राम का साथ दिया था. रावण की मृत्यु के बाद श्रीराम ने उन्हें अमर होने का वरदान दिया था.
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