हिमाचल में अडानी ग्रुप के गोदामों पर सरकारी एजेंसियों का छापा, टैक्स चोरी का शक
हिमाचल प्रदेश में सीमेंट फैक्ट्री विवाद को सुलझाने में सहयोग नहीं करने पर सुक्खू सरकार ने अडानी समूह के खिलाफ कार्रवाई की है। सुक्खू सरकार ने अदानी ग्रुप पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। राज्य के आबकारी और कराधान विभाग ने बुधवार शाम परवानू में अडानी समूह के व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर छापा मारा।किराना दुकान पर आबकारी विभाग के दक्षिण प्रवर्तन जोन की यह कार्रवाई देर रात तक चलती रही। मिली जानकारी के मुताबिक आबकारी विभाग की टीम ने अडानी विल्मर लिमिटेड में जाकर उनके कारोबार से जुड़े दस्तावेज खंगाले.
अडानी समूह
बताया जा रहा है कि जांच में नकद के माध्यम से टैक्स का भुगतान नहीं करना संदिग्ध पाया गया है. पड़ताल में यह बात सामने आई है कि अदाणी विल्मर लिमिटेड ने पिछले साल हिमाचल प्रदेश में 135 करोड़ का कारोबार किया था। कंपनी ने इनपुट टैक्स क्रेडिट से सभी जीएसटी टैक्स को एडजस्ट कर लिया, जबकि करीब 10-15 फीसदी टैक्स देनदारी कैश पेमेंट के जरिए चुकानी होती है, लेकिन अडानी ने इसे जीरो दिखाया है। विभाग इस संबंध में अपनी जांच की कार्यवाही कर रहा है।
हिमाचल प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद कांग्रेस सरकार और अडानी ग्रुप के बीच संबंध ठीक नहीं चल रहे हैं। अडानी ग्रुप और ट्रक संचालकों के बीच माल ढुलाई को लेकर विवाद चल रहा है। इसके चलते अदानी ग्रुप ने हिमाचल प्रदेश में अपने दोनों सीमेंट प्लांट में करीब 2 महीने से उत्पादन बंद कर रखा है। सीएम सुक्खू ने कहा है कि अडानी ग्रुप के अड़ियल रवैये के कारण विवाद का समाधान नहीं हो सका. इसके साथ ही राज्य के उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने भी कहा है कि राज्य सरकार अडानी समूह के खिलाफ कार्रवाई के लिए कानूनी राय ले रही है.
सरकार के बार-बार अनुरोध के बावजूद अडानी सीमेंट उत्पादन शुरू नहीं कर रहा है। इससे सैकड़ों ट्रांसपोर्टरों की रोजी-रोटी पर संकट खड़ा हो गया है। इससे राज्य सरकार को भी करीब 150 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।बताया जा रहा है कि अडानी ने हिमाचल प्रदेश की 7 अलग-अलग कंपनियों के नाम से जीएसटी नंबर लिए हैं। इनमें से 5 नंबर किसी तरह बंद हैं, जो काम नहीं कर रहे हैं। अन्य 2 कंपनियां कोल्ड स्टोर और राशन सप्लाई के लिए काम कर रही हैं।