Gold Hallmark: 2 मिनट में सोने के आभूषणों पर हॉलमार्किंग चेक करें, असली और नकली में अंतर जानें
अगर आप सोना खरीदारी पहली बार सोना खरीदने जा रही हैं । तो यह खबर आपके काम आ सकती है। इस खबर में हम आपको असली या नकली सोने की पहचान से जुड़ी जानकारी देने जा रहे हैं। आप सोने के गहनों पर हॉलमार्किंग का पता कैसे लगा सकते हैं? असली-नकली हॉलमार्क की पहचान कर सकते हैं। नकली हॉलमार्क वाले आभूषणों की देश में धड़ल्ले से बिक्री हो रही है। आप इसके शिकार न हों।
हॉलमार्किंग क्या है?
हॉलमार्किंग सोने की शुद्धता की गारंटी होती है। हॉलमार्क हर आभूषण पर एक तरह का निशान होता है। भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) का प्रतीक सोने के आभूषणों पर रखा जाता है, जो इसकी शुद्धता को दर्शाता है। इसके साथ ही हॉल मार्किंग में परीक्षा केंद्र आदि की जानकारी मिलती है। प्रत्येक आभूषण में सोने की मात्रा उसकी शुद्धता पर निर्भर करती है। कभी-कभी जौहरी कम कैरेट के गहनों के लिए अधिक कैरेट कीमत वसूलते हैं। इसे हटाने के लिए हॉलमार्किंग अनिवार्य कर दी गई है।
फर्जी हॉलमार्किंग बंद करेगी सरकार
लोगों को धोखाधड़ी से बचाने के लिए केंद्र सरकार ने सोने के गहनों पर हॉलमार्किंग अनिवार्य कर दी है। इसके बाद भी देश के बाजारों में मिलावटी सोने के आभूषण बिक रहे हैं। हॉलमार्किंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (HFI) का मानना है कि कुछ लोग सोने के आभूषणों पर नकली हॉलमार्किंग लगाकर उपभोक्ताओं को धोखा दे रहे हैं। फेडरेशन ने सरकार को पत्र लिखकर फर्जी हॉलमार्किंग पर रोक लगाने के लिए सख्त कार्रवाई की मांग की है।
पुराने लोगो सख्त वर्जित हैं
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एचएफआई के अध्यक्ष जेम्स जोस का कहना है कि सरकार ने अभी तक पुराने हॉलमार्किंग लोगो पर प्रतिबंध नहीं लगाया है. जिसकी आड़ में कम कैरेट सोने के गहनों की नकली हॉलमार्किंग कर ग्राहकों को हाई कैरेट बताकर बेचा जा रहा है. जोस ने कहा कि पुराना हॉलमार्किंग लोगो ज्यादा सुरक्षित नहीं था। नकली हॉलमार्किंग को रोकने के लिए सरकार को पुराने लोगो के इस्तेमाल की समय सीमा तय करनी चाहिए और फिर इसे पूरी तरह से प्रतिबंधित करना चाहिए.
यहां जानिए असली हॉलमार्किंग की पहचान कैसे करें
सरकार ने पिछले साल एक जुलाई से सोने के आभूषणों की हॉलमार्किंग मार्क को बदलकर तीन कर दिया है। पहला निशान बीआईएस हॉलमार्क है। यह त्रिकाल चिन्ह है। एक और चिन्ह पवित्रता के बारे में बताता है। यानी यह बताता है कि गहने कितने कैरेट सोने से बने हैं। तीसरा वर्ण 6 अंकों का अल्फ़ान्यूमेरिक कोड है जिसे HUID नंबर कहा जाता है। HUID का मतलब हॉलमार्क विशिष्ट पहचान संख्या है। इस 6 अंकों के कोड में अक्षर और संख्याएं होती हैं। हॉलमार्किंग के समय ज्वेलरी के प्रत्येक पीस को एक HUID नंबर दिया जाता है। यह संख्या अद्वितीय है। इसका मतलब यह है कि एक ही एचयूआईडी नंबर वाले दो आभूषण नहीं हो सकते।
इस ऐप से चेक करें
आप भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा विकसित बीआईएस केयर ऐप नामक मोबाइल ऐप के माध्यम से हॉलमार्क वाले आभूषणों की जांच कर सकते हैं। बीआईएस केयर एप डाउनलोड कर उसमें अपना नाम, फोन नंबर और ईमेल आईडी डालनी होगी। इसके बाद आपका मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी ओटीटी से वेरिफाई करना होगा। वेरिफिकेशन के बाद ही इस ऐप का इस्तेमाल किया जा सकता है।
ऐप में ‘वेरीफाई ह्यूड’ फीचर मिलेगा
आपको बता दें कि BIS Care ऐप में ‘Verify HUID’ का फीचर दिया गया है। इसमें ज्वैलरी पर दिए गए HUID नंबर को डालकर आप जान सकते हैं कि हॉलमार्किंग असली है या नकली। इसके अलावा आप ऐप के लाइसेंसिंग डिटेल्स सेक्शन में जाकर ब्रांडेड प्रोडक्ट्स को चेक कर सकते हैं। यदि आप अपने द्वारा खरीदी गई हॉलमार्क ज्वैलरी से संतुष्ट नहीं हैं, तो आप ऐप के संपूर्ण सेक्शन में जाकर शिकायत दर्ज कर सकते हैं।