पायलटों को रोकने के लिए गो फर्स्ट ने निकाला अनोखा तरीका, 1 लाख रुपए और देने का वादा
गो फर्स्ट एयरलाइन का काम करीब 1 महीने से रुका हुआ है। कंपनी ने एनसीएलटी के समक्ष दिवालियापन दायर किया है। जिससे कंपनी के पायलट नौकरी छोड़ रहे हैं। कंपनी पायलटों को रोकने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है। हाल ही में कंपनी पायलटों को रोकने के लिए एक अनोखा तरीका लेकर आई है। अब कंपनी ने कहा है कि वह पायलटों को ठहरने के लिए 1 लाख रुपए अतिरिक्त वेतन देगी।
गो फर्स्ट एयरलाइन के खिलाफ डीजीसीए और केंद्र सरकार से शिकायत की गई है। शिकायत में कहा गया है कि एक महीने से एयरलाइन का परिचालन बंद है. उसके पास कर्मचारियों को तनख्वाह देने तक के पैसे नहीं हैं। इस बीच वह पायलटों को रोकने के लिए एक लाख रुपये अतिरिक्त देने की बात कह रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कंपनी ने पायलटों को रोकने के लिए अनोखा प्लान बनाया है. जिसके मुताबिक कंपनी हर महीने अपने पायलटों की सैलरी में 1 लाख और अधिकारियों की सैलरी में 50 हजार की बढ़ोतरी करेगी। कंपनी 1 जून से पायलटों की सैलरी बढ़ाने का वादा कर रही है। कंपनी का यह ऑफर भी उन पायलट्स के लिए है, जिन्होंने गो फर्स्ट एयरलाइन से इस्तीफा दे दिया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, अगर पायलट 15 जून या उससे पहले वापस लौटते हैं या अपना इस्तीफा रद्द करते हैं, तो कंपनी उनके वेतन में 1 लाख रुपये की बढ़ोतरी भी करेगी। बता दें कि एविएशन रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने गो फर्स्ट एयरलाइन को अपना रिवाइवल प्लान देने के लिए 30 दिन का समय दिया था। उनसे यह भी बताने को कहा गया कि उनके पास कितने पायलट बचे हैं।
गो फर्स्ट एयरलाइन ने हाल ही में कहा था कि उसकी सभी उड़ानें 30 मई तक रद्द रहेंगी। जल्द ही कंपनी उन सभी लोगों को रिफंड कर देगी, जिन्होंने कंपनी से टिकट बुक कराया है। कंपनी ने बार-बार कहा है कि वह जल्द ही उड़ानें वापस करेगी।