घर की समृद्धि का वास्तु से गहरा संबंध है क्योंकि वास्तु में दिए गए टिप्स घर की समृद्धि को बनाए रखने में मदद करते हैं। वास्तु ही है जो घर से नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर सकारात्मकता लाता है। लेकिन कई बार काफी प्रयास करने के बाद भी घर में बरकत नहीं मिल पाती है तो इसके पीछे का कारण वास्तु दोष हो सकता है। कहा जाता है कि अगर घर में वास्तु दोष हो तो घर में नकारात्मक ऊर्जा आने लगती है। इसके साथ ही घर में मौजूद वास्तु दोष के कारण घर वालों की कृपा रुक जाती है।
वास्तुशास्त्र के अनुसार घर की छत पर या सीढ़ियों के आसपास अलमारी नहीं रखनी चाहिए। जिससे उन्हें आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता है और घर के लोग अधिक बीमार भी पड़ते हैं।
वास्तु कहता है कि घर की दक्षिण-पूर्व दिशा में कभी भी गेस्ट रूम नहीं बनाना चाहिए। क्योंकि इस दिशा में अतिथि कक्ष रखने से धन हानि हो सकती है। वास्तु के अनुसार इस दिशा को धन की दिशा माना जाता है।
वास्तु के अनुसार यदि घर की ढलान उत्तर-पूर्व दिशा में खड़ी हो तो धन आगमन में बाधा आती है। इसलिए ऐसा करने से भी बचें।
वास्तु के अनुसार बेडरूम में शीशा या आइना नहीं होना चाहिए। क्योंकि इससे पति-पत्नी के रिश्ते में खटास आ जाती है। सेहत से जुड़ी दिक्कतों का भी सामना करना पड़ सकता है।
वास्तु के अनुसार घर का उत्तर-पूर्व भाग ढलान वाला होना चाहिए और उत्तर-पश्चिम भाग हमेशा ऊंचा होना चाहिए।
घर की अलमारी को हमेशा दक्षिण दीवार से सटाकर रखें और उत्तर दिशा की ओर मुंह करके रखें। इससे आर्थिक लाभ होता है। वहीं दक्षिण दिशा की ओर तिजोरी रखने से घर में धन नहीं रहता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की उत्तर-पूर्व दिशा को हमेशा साफ रखना चाहिए। इस स्थान पर कभी भी कूड़ादान या भारी वस्तु नहीं रखनी चाहिए।
नल से पानी का लगातार टपकना वास्तु में अशुभ नहीं माना जाता है। कहा जाता है कि नल से लगातार पानी टपकने से आर्थिक परेशानी शुरू हो जाती है।
वास्तु के अनुसार घर के दक्षिण-पश्चिम दिशा में शौचालय नहीं बनाना चाहिए। वास्तु के अनुसार यदि इस दिशा में शौचालय बना दिया जाए तो घर में रहने वालों की तरक्की रुक जाती है।
वास्तु के अनुसार किचन हमेशा घर के दक्षिण-पूर्व कोने यानी पूर्व-दक्षिण दिशा में होना चाहिए। जिससे घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है। इसलिए किचन को गलत दिशा में बनाने से बचें।