सोते समय इस दिशा में न रखें सिर, जानें वास्तु शास्त्र के अनुसार सोने के नियम
वास्तु शास्त्र में सोने की सही दिशा बताई गई है। वास्तु के अनुसार गलत दिशा में सोने से मानसिक बीमारी, तनाव और नकारात्मक ऊर्जा पैदा होती है। जानिए वास्तु के अनुसार सोने की सही दिशा क्या है।
वास्तुशास्त्र में ऊर्जा का विशेष महत्व है। वास्तु में हर चीज के लिए एक निश्चित दिशा तय की गई है। सोने के लिए भी नियम बनाये गये हैं. किसी भी व्यक्ति को स्वस्थ रहने के लिए अच्छी नींद बहुत जरूरी है।
पर्याप्त नींद लेना शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा है। वास्तु के अनुसार, सही दिशा में सोने से उम्र बढ़ती है और बीमारियों से बचाव होता है, जबकि गलत दिशा में सोने से मानसिक बीमारियां,
तनाव, आलस्य और नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। आइए जानते हैं वास्तु के अनुसार सोने की सही दिशा क्या है।
इस दिशा में न सोएं
वास्तु के अनुसार कभी भी उत्तर दिशा में सिर करके नहीं सोना चाहिए। वास्तु में सोने के लिए उत्तर दिशा को अशुभ माना गया है। यह दिशा नकारात्मक ऊर्जा का स्रोत मानी जाती है। उत्तर दिशा में सिर करके सोने से व्यक्ति को कई बड़ी बीमारियों का सामना करना पड़ता है और उसकी नींद पूरी नहीं हो पाती है। जो उत्तर की ओर जाता है, वह निश्चित रूप से मृत्यु के देवता को आमंत्रित करता है। शव का सिर उत्तर दिशा की ओर ही रखा जाता है।
सोने की सही दिशा
वहीं पूर्व दिशा की ओर सिर करके सोने से याददाश्त, एकाग्रता और आध्यात्मिकता की ओर रुझान बढ़ता है। वास्तु के अनुसार इस दिशा में सिर करके सोने से शिक्षा और करियर में नए अवसर मिलते हैं। वास्तु विशेषज्ञों का कहना है कि हर किसी के लिए स्वस्थ नींद के लिए सबसे अच्छी दिशा पूर्व है। इस दिशा से शरीर को हर तरह की सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। तनाव या चिंता से पीड़ित व्यक्ति को पश्चिम की ओर सिर करके सोना चाहिए। वास्तु के अनुसार इससे मन को शांति मिलती है।