रक्षा मंत्री ने इशारों-इशारों में चीन को दिया संदेश, कहा- हम शांति के भी पुजारी हैं और ताकत के भी
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पिछले महीने तवांग सेक्टर में चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच हुई झड़प के बाद पहली बार अरुणाचल प्रदेश के सियांग जिले का दौरा किया। यहां पहुंचने के बाद राजनाथ सिंह ने सीमा सड़क संगठन द्वारा निर्मित 27 अन्य बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के साथ सिओम ब्रिज का उद्घाटन किया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को अरुणाचल प्रदेश में बीआरओ द्वारा निर्मित कई परियोजनाओं का उद्घाटन करते हुए बिना किसी देश का नाम लिए चीन की ओर इशारा किया कि वसुधैव कुटुंपकम का संदेश भारत की धरती से गया है। हम शांति के भी उपासक हैं और शक्ति के भी। बदलती दुनिया, बदलते समय और राष्ट्रों के बदलते हितों को देखते हुए किसी भी राष्ट्र के लिए खुद को मजबूत रखना बहुत जरूरी है।
दुनिया में आए दिन कोई न कोई संघर्ष की स्थिति बनी रहती है। हालांकि, भारत हमेशा युद्ध के खिलाफ रहा है, और यह भारत की नीति रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने भी भारत के संकल्प को दोहराया और कहा कि यह युद्ध का समय है और इस संकल्प की ओर दुनिया का ध्यान आकर्षित किया। यानी हम युद्ध में विश्वास नहीं करते। लेकिन अगर हम पर युद्ध थोपा जाता है तो हम किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं। पिछले कुछ समय में बीआरओ ने जिस जज्बे और तेजी से विकास कार्यों को अंजाम दिया है, वह काबिले तारीफ है। ज्यादा से ज्यादा सीमावर्ती इलाकों को जोडऩे की योजना सरकार की प्राथमिकता है, ताकि वहां रहने वाले लोगों का विकास हो सके साथ ही व्यवस्था में विश्वास की भावना पैदा हो सके।
बीआरओ ने जिस तेजी से काम किया वह काबिले तारीफ है: राजनाथ सिंह
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हाल के दिनों में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने जिस जज्बे और तेजी से विकास कार्य किए हैं, वह काबिले तारीफ है। ज्यादा से ज्यादा सीमावर्ती इलाकों को जोडऩे की योजना सरकार की प्राथमिकता है, ताकि वहां रहने वाले लोगों का विकास हो सके साथ ही व्यवस्था में विश्वास की भावना पैदा हो सके।
पहले मैं बीआरओ को अपने भाई का ‘भाई’ मानता था: राजनाथ सिंह
दोस्तों, जब मैंने पहली बार ‘बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन’ नाम को संक्षिप्त रूप में लिखा देखा तो मुझे लगा कि यह ‘ब्रो’ है, जिसे हमारी नई पीढ़ी अब ‘भाई’ के रूप में इस्तेमाल कर रही है। तब मुझे बताया गया कि यह ‘भाई’ नहीं था, यह बीआरओ लिखा था। लेकिन जैसा कि मैं सेना को देश के लोगों के साथ चलते हुए देखता हूं, मैं कह सकता हूं कि मैंने बीआरओ को ‘भाई’ के रूप में पढ़ा, गलत नहीं, लेकिन काफी सही। BRO का मतलब होता है हमारी सेनाओं का ‘Bro’, BRO का मतलब होता है हमारे देशवासियों का ‘Bro’।
हमारा पूर्वी भाग जितना मजबूत है, हमारा पूरा देश उतना ही मजबूत है
रक्षा मंत्री ने कहा कि हमारा मानना है कि पूर्वोत्तर क्षेत्र न केवल हमारे देश के समग्र विकास के लिए, बल्कि पूर्वी एशिया के साथ हमारे पुनर्निर्माण, व्यापार, यात्रा और पर्यटन के लिए भी प्रवेश द्वार है। हमारे देश का यह पूर्वी भाग जितना मजबूत होगा, हमारा पूरा देश उतना ही मजबूत होगा।
एलएसी के पास पुल बनाकर चीन को संदेश देने की कोशिश की जा रही है
रक्षा मंत्री द्वारा आज उद्घाटन किए गए पुल का अत्यधिक महत्व है क्योंकि यह वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के दूरस्थ क्षेत्रों में सैनिकों को तैनात करने में सैन्य लाभ देता है। यह पुल 100 मीटर लंबा है और सयोम नदी पर बना है। पुल से स्थानीय लोगों की आवाजाही में भी मदद मिलेगी।
दौरे से पहले राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर जानकारी दी
दौरे से पहले राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया था कि वह असम और अरुणाचल प्रदेश के दो दिवसीय दौरे पर नई दिल्ली से डिब्रूगढ़ के लिए रवाना हो रहे हैं। सात सीमावर्ती राज्यों में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा निर्मित कई बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के उद्घाटन में भाग लेंगे। राजनाथ सिंह सुबह 11 बजे अरुणाचल प्रदेश में सिओम ब्रिज साइट से अन्य 27 परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे।