भारत भूमि से पवित्र कैलाश के दर्शन सरकार जुटी हुई है तैयारियों में
अब तक भारत कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील के दर्शन के लिए चीन पर निर्भर था। लेकिन अब इस निर्भरता को पूरी तरह खत्म किया जा सकता है. दरअसल, चीन सीमा के पास करीब 18 हजार फीट की ऊंचाई से पवित्र कैलाश पर्वत के दर्शन संभव हैं। तिब्बत में कैलाश पर्वत नाभीढांग के ठीक ऊपर 2 किमी ऊंची पहाड़ी से आसानी से दिखाई देता है।
हालांकि अब तक इसकी जानकारी किसी को नहीं थी, लेकिन जब कुछ स्थानीय लोग ओल्ड लिपुलेख की पहाड़ी पर पहुंचे तो वहां से पवित्र कैलाश पर्वत बेहद करीब नजर आया। इस संभावना की हकीकत जानने निकले अधिकारियों के दल को बड़ी आसानी से कैलाश पर्वत के दर्शन हो गये. टीम के सदस्य एवं धारचूला के एस.डी.एम. दिवेश शास्नी ने बताया कि पुराने लिपुलेख से कैलाश पर्वत आसानी से देखा जा सकता है. अब वे शासन को रिपोर्ट भेज रहे हैं, जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि चीन से इजाजत नहीं मिलने के कारण मानसरोवर यात्रा लगातार तीसरे साल बंद है. ऐसे में जब भारत की अपनी भूमि से ही कैलाश पर्वत आसानी से दिखने लगा है तो संभावनाओं के कई द्वार एक साथ खुल रहे हैं। चीन की सीमा को जोड़ने वाली लिपुलेख सड़क के बनने के बाद यहां पहुंचना बेहद आसान हो गया है, साथ ही हमारी जमीन पर ऐसी जगह की खोज से चीन पर हमारी निर्भरता खत्म हो सकती है.
पर्यटन विभाग के मुताबिक 2 किमी की खड़ी चढ़ाई पार करना आसान नहीं है लेकिन यहां तक पहुंचने के लिए रास्ता बनाया जा सकता है। पिथौरागढ़ की जिला पर्यटन अधिकारी कीर्ति आर्या ने कहा कि सड़क को पुरानी स्क्रिप्ट पर ही बनाना होगा, इसके अलावा पर्यटकों के लिए जरूरी सुविधाएं भी जुटानी होंगी. इसके बाद ही पर्यटक यहां आ सकेंगे।
कुछ स्थानीय लोगों ने कहा कि जियोलिंगकांग से 25 किमी दूर लिम्पियाधुरा चोटी से भी कैलाश पर्वत देखा जा सकता है। ऐसे में ओम पर्वत, आदि कैलाश और पार्वती सरोवर के पास कैलाश पर्वत के दर्शन से तीर्थयात्रा में तेजी आ सकती है। इतना ही नहीं, आज तक जो किसी ने नहीं सोचा था, वह भी अब पूरा होने की संभावना है.