जल्द आएगा ऐसा कागज़ जिस पर लिखा हुआ मिटाया जा सकेगा
DIGTAL WORLD इस आधुनिक युग में भले ही डिजिटलीकरण के बढ़ते महत्व के कारण कागज की ज्यादा जरूरत न पड़ती हो फिर भी आज ऐसे कई क्षेत्र हैं हैं यहाँ पर इसका उपयोग बड़े पैमाने पर होता है।
कागज के साथ एक समस्या है कि इसका पुनरुपयोग सीमित तरीके से ही सम्भव है क्योंकि इस पर लिखी गयी स्याही को मिटाया नही जा सकता और अगर कागज को रीसायकल भी किया जाता है तो भी यह स्याही पूर्णतः नष्ट नही होती जिससे दो समस्याएं होती है। पहली समस्या तो यह है कि रीसायकल के बाद कागज की गुणवत्ता अच्छी नही रहती और दूसरे स्याही प्रदूषण में बढ़ावा देती है।
इस समस्या के चलते कागज के निर्माण हेतु असंख्य पेड़ो का बलिदान देने पड़ता है जो कि पर्यावरणीय दृष्टि से उचित नही है। इन समस्याओं के निवारण एवं पर्यावरण को बचाने हेतु चीन की शेडोंग यूनिवर्सिटी ने एक तकनीक विकसित की है। यह एक विशेष प्रकार का काग़ज़ होता है, जिस पर प्रकाश की मदद से लिखा जाता है, तथा उसे मिटाकर वापिस इस्तेमाल किया जा सकता है।
यह स्पेशल पेपर सामान्य पेपर की तरह ही नज़र आता है, बस इस पर नैनो कणों की एक परत चढ़ी हुई रहती है, जो पराबैंगनी प्रकाश की मौजूदगी में अपना रंग बदल लेती है। मतलब यह है कि इस पेपर के लिये एक विशेष अल्ट्रा वायलेट प्रिंटर की ज़रूरत होगी, जो टेक्स्ट को लाइट की फॉर्म में काग़ज़ पर मुद्रित करेगा। इस तरह इंक का प्रयोग नहीं होने से प्रदूषण भी नहीं फैलेगा। यह रिसर्च नैनो लेटर्स जर्नल में प्रकाशित हुआ है।
अगर आपको लिखा हुआ मिटाना है तो पेपर को सिर्फ 10 मिनट के लिये गर्म करना होगा, और वह बिल्कुल नये पेपर जैसा बन जायेगा। यह एक तरह से स्नैपचैट का हार्डकॉपी संस्करण माना जा सकता है, जिसमें संदेश को पढ़ने के बाद हाथ से रगड़कर मिटा दिया जाता है। इस तरह के पेपर का उपयोग करके विभिन्न उपयोगी उत्पाद निर्मित किये जा सकते हैं, जैसे अख़बार, पुस्तक, पत्रिका, पोस्टर, लेटरपैड, ऑक्सीजन सेंसर्स, तथा विभिन्न रीराइटेबल लैबल्स, इत्यादि।
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