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सिनेमा हॉल में महंगा खाना-पीना बेचना सिनेमाघर मालिकों का हक है! -सुप्रीम कोर्ट

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आजकल जब टॉकीज में पिक्चर देखने जा रहे हैं, सिनेमा हॉल में महंगा खाना-पीना खरीदना एक मध्यमवर्गीय व्यक्ति के लिए वहनीय नहीं है और जब बाहर का सामान अंदर ले जाने की अनुमति नहीं है तो सुप्रीम कोर्ट ने इतना महंगा सामान बेचने के मामले में कहा कि ‘सिनेमा हॉल निजी संपत्ति हैं और’ मालिक को नियम और शर्तें तय करने का अधिकार है।

CJI चंद्रचूड़ और जस्टिस नरसिम्हा की बेंच ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि सिनेमा हॉल एक निजी संपत्ति है और इसके लिए नियम और शर्तें लागू हो सकती हैं. कोर्ट ने कहा कि अगर कोई दर्शक सिनेमा हॉल में प्रवेश करता है तो उसे सिनेमा हॉल के मालिक के नियमों का पालन करना होगा.

मल्टीप्लेक्स में खाना बेचना एक व्यावसायिक मामला है।

सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट के उस फैसले को रद्द कर दिया है, जिसमें लोगों को मल्टीप्लेक्स और मूवी थिएटर में अपना खाना-पीना खुद ले जाने की इजाजत दी गई थी। पीठ थिएटर ओनर्स और मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा उच्च न्यायालय के 2018 के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी।

BOOKMySHOW ऐप के मुताबिक, गुरुग्राम के एंबियंस मॉल और सिटी सेंटर में पीवीआर पर पॉपकॉर्न की कीमत स्वाद और स्वाद के हिसाब से करीब 340-490 रुपए है। जबकि पेप्सी की कीमत 330-390 के आसपास है। वहीं बेंगलुरु के फीनिक्स मार्केट सिटी मॉल में पीवीआर में पॉपकॉर्न की कीमत 180-330 रुपए है।

इस प्रकार, अदालत ने कहा कि उन्हें सिनेमा हॉल में महंगा सामान बेचने का अधिकार है, और अब कीमतों में कोई बदलाव नहीं होगा.

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