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भारतीय स्मार्टफोन बाजार में चीनी कंपनियों की हिस्सेदारी 62 फीसदी, सीमा विवाद के बावजूद चीन का दबदबा

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भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव के बावजूद दोनों के बीच व्यापारिक संबंध अभी भी बरकरार हैं, जिसका सबसे बड़ा उदाहरण भारतीय स्मार्टफोन बाजार में चीनी कंपनियों का दबदबा है। भारत सरकार द्वारा लगातार निगरानी और आर्थिक नाकाबंदी के बावजूद, Xiaomi, Vivo और Oppo देश के शीर्ष-5 स्मार्टफोन ब्रांडों में शामिल हैं। आपको बता दें कि 2020 में भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ने के बाद सरकार ने टिकटॉक, हैलो जैसे कई लोकप्रिय ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया था।

गौरतलब है कि भारतीय स्मार्टफोन बाजार में चीनी कंपनियों की हिस्सेदारी 62 फीसदी है जबकि लावा जैसी भारतीय कंपनियों की बाजार हिस्सेदारी 1 फीसदी से भी कम है। माइक्रोमैक्स, कार्बन, स्पाइस और लावा जैसे भारतीय ब्रांडों ने पिछले कुछ वर्षों में बाजार पर अपनी पकड़ खो दी है। 2014 में ओप्पो, वीवो और वन प्लस और 2018 में रियलमी ने भारत में एंट्री की। वहीं 2020 में IQ ने भी भारत में अपने स्मार्टफोन लॉन्च किए और इससे पहले मशहूर स्मार्टफोन निर्माता कंपनी Xiaomi ने देश के स्मार्टफोन बाजार में अपना परचम लहराना शुरू कर दिया था। फिलहाल देश की टॉप 5 स्मार्टफोन कंपनियों में Xiaomi, Oppo, Vivo जैसे नाम हैं और भारतीय कंपनियां इनके आसपास भी नहीं हैं।

स्मार्टफोन कंपनी मार्केट शेयर

  • Xiaomi 21 प्रतिशत
  • सैमसंग 18 प्रतिशत
  • वीवो 16 प्रतिशत
  • ओप्पो 16 प्रतिशत
  • रियल मी 14 प्रतिशत
  • बाकी कंपनियां 15 फीसदी

60,000 करोड़ रुपये के एक्सेसरीज मार्केट में भारतीय कंपनियों का दबदबा है

हालांकि स्मार्टफोन सेगमेंट में भारतीय कंपनियां सबसे निचले पायदान पर हैं, लेकिन वियरेबल सेगमेंट में भारतीय कंपनियों ने झंडे को ऊंचा रखा है। वियरेबल मार्केट में भारतीय कंपनियों ने चीनी कंपनियों को पछाड़ दिया है। भारतीय कंपनियां रु. एक्सेसरीज मार्केट में 60,000 करोड़ का वर्चस्व है – जिसमें पहनने योग्य (जैसे स्मार्टवॉच, फिटनेस बैंड) और सुनने योग्य (हेडफ़ोन, ईयरबड्स, ईयरफ़ोन, नेकबैंड) और पावर एक्सेसरीज़ शामिल हैं। जहां स्मार्टफोन कंपनियां अगले साल संभावित आर्थिक मंदी के बीच अपने उत्पादन को कम कर रही हैं, वहीं भारतीय पहनने योग्य कंपनियां विकास की प्रत्याशा में अपने विस्तार और उत्पादन योजनाओं को दोगुना कर रही हैं। कंज्यूमर अपग्रेड के चलते इन ब्रैंड्स की सेल्स बढ़ने की उम्मीद है।

भारत के टॉप-5 वियरेबल ब्रांड्स में तीन कंपनियां भारतीय हैं। इनमें इमेजिन मार्केटिंग (बॉट) की 32 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी है, नेक्साबेस (शोर) की 14 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी है, और फायर बोल्ट की 9 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी है। यानी करीब 55 फीसदी मार्केट शेयर भारतीय कंपनियों के पास है। और प्रतिद्वंदी चीनी कंपनियां 8 फीसदी मार्केट शेयर के साथ वनप्लस और 4 फीसदी मार्केट शेयर के साथ रियलमी वियरेबल मार्केट की टॉप-5 लिस्ट में शामिल हैं।

 

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