अरुणाचल में उबलता चारु चीन की दादागीरी के खिलाफ भारतीय वायुसेना ने भेजे लड़ाकू विमान
अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में चीनी सेना की भारी घुसपैठ और भारतीय सैनिकों के साथ घातक मुठभेड़ के बाद एक बड़ी अपडेट आई है। सूत्रों का कहना है कि अब चीन के भारतीय हवाई क्षेत्र में घुसने का खतरा मंडरा रहा है। जिसके बाद अब वायुसेना ने चीन की नापाक हरकतों को रोकने के लिए अरुणाचल प्रदेश में सक्रिय कॉम्बैट पेट्रोलिंग शुरू कर दी है। सूत्रों ने पुष्टि की कि अरुणाचल प्रदेश में चीनी उल्लंघनों को रोकने के लिए हाल के हफ्तों में लड़ाकू विमानों को ‘दो-तीन बार’ उड़ाया जाना था।
वायु सेना को अरुणाचल में नियंत्रण रेखा पर चीनी वायु सेना की गतिविधियों में वृद्धि के बारे में भी पता चला है। यह भी बताया गया है कि वापसी से पहले पिछले सप्ताह अरुणाचल प्रदेश में नियंत्रण रेखा पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हुई थी। 9 तारीख को दोनों सेनाओं के बीच संघर्ष हुआ।
सूत्रों के मुताबिक, चीनी सैनिकों ने एलएसी पार की, जिसका भारतीय सैनिकों ने जवाबी कार्रवाई की। इस संघर्ष में 6 भारतीय सैनिक और 15 चीनी सैनिक घायल हो गए। पूर्वी लद्दाख में हुई झड़प के बाद से लंबे समय बाद भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच इस तरह की झड़प की खबरें आ रही हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन की इन चालों का जवाब देने के लिए भारत को कई बार इलाके में तैनात अपने लड़ाकू विमानों को नीचे उतारना पड़ा। रक्षा मंत्रालय के एक सूत्र ने बताया कि पिछले कुछ हफ्तों में ऐसा दो-तीन बार हुआ है, जब वायुसेना को एलएसी पार करने की कोशिश कर रहे ड्रोन का पीछा करने के लिए लड़ाकू विमान उतारने पड़े। इन खतरों का मुकाबला करने के लिए वायुसेना को सुखोई-30 एमकेआई जेट का सहारा लेना पड़ा