चाणक्य नीति: जीवन में अपनाएं ये 5 बातें, घर में सदैव रहेगा अन्नपूर्णा और लक्ष्मी का वास

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चाणक्‍य नीति: चाणक्‍य भारतीय इतिहास के एक महान अर्थशास्‍त्री और रणनीतिकार थे। वह आज के दौर में अपनी राजनीति और शासन नीतियों के लिए भी काफी मशहूर हैं।

चाणक्‍य को समाज की गहरी समझ थी इसलिए उन्‍होंने मनुष्‍य के बेहतर जीवन के लिए चाणक्‍य नीति लिखी। चाणक्यनीति हमें बताती है कि सुखी, सफल और सम्मानित जीवन कैसे जिया जाए।

सदियों पहले लिखी गई चाणक्य की ये नीतियां आज भी बेहद प्रासंगिक मानी जाती हैं। ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति चाणक्य के सिद्धांतों का पालन करता है उसे जीवन में कभी भी असफलता का सामना नहीं करना पड़ता है। चाणक्य ने अपनी नीति में कुछ ऐसे कार्यों का जिक्र किया है जिनसे देवी लक्ष्मी आपको ढूंढ लेती हैं। आइए जानते हैं ऐसे ही कामों के बारे में…

बुद्धिमानों का आदर करना

चाणक्य नीति का एक श्लोक कहता है कि जो लोग विद्वानों और बुद्धिजीवियों का सम्मान करते हैं, उनके घर में देवी लक्ष्मी हमेशा निवास करती हैं। क्योंकि एक बुद्धिमान व्यक्ति आपको सही रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित करता है जो आपको जीवन में सफल बनाएगा। चाणक्य कहते हैं कि मूर्ख की प्रशंसा सुनने की अपेक्षा बुद्धिमान की डांट सुनना अधिक लाभदायक होता है। इसलिए सदैव विद्वानों की संगति में रहना चाहिए और उनका सम्मान करना चाहिए। साथ ही आपको किसी जानकार व्यक्ति की राय का हमेशा सम्मान करना चाहिए।

भोजन का अनादर न करें

चाणक्य कहते हैं कि जिन घरों में अनाज का भंडारण उचित होता है, वहां किसी भी चीज की कमी नहीं होती है। जिन घरों में अन्न का सम्मान किया जाता है वहां देवी लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहती है। जो लोग अन्न का सम्मान नहीं करते उनके यहां देवी लक्ष्मी कभी निवास नहीं करतीं। साथ ही खाना बर्बाद न करें. जो ऐसा करेगा उसके घर में दरिद्रता आएगी। साथ ही समय-समय पर उन लोगों को भोजन दान करें जिन्हें इसकी सख्त जरूरत है।

पति-पत्नी के बीच प्यार

ऐसा कहा जाता है कि जिस घर में शांति और ख़ुशी का माहौल होता है उस घर पर देवी लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। जिस घर में पति-पत्नी एक-दूसरे के प्रति प्रेम और सम्मान से रहते हैं, वहां देवी लक्ष्मी सदैव वास करती हैं। ऐसे घर में देवी लक्ष्मी का वास होता है। हालाँकि जिस घर में पति-पत्नी के बीच कलह होती है उस घर में दरिद्रता का वास होता है। घर का माहौल हमेशा शांतिपूर्ण रहना चाहिए। वेदों में पत्नी को सदैव देवी लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है। जो लोग स्त्रियों का सम्मान करते हैं उनके घर में देवी लक्ष्मी सदैव वास करती हैं।

बुरे लोगों की संगति

चाणक्य कहते हैं कि बुरी संगत व्यक्ति को पतन के रास्ते पर ले जाती है और जो व्यक्ति बुरे कर्म करता है उसका कभी भी सम्मान नहीं किया जा सकता है। बुराई करना एक बुरा कार्य है और जो लोग दूसरों से ईर्ष्या करते हैं वे बुराई करते हैं। ये आदतें इंसान की तरक्की की राह में बाधा बन जाती हैं।

क्रोध और लोभ

क्रोध के एक क्षण के कारण व्यक्ति जीवन में सब कुछ खो सकता है। वहीं दूसरी ओर लालच की आग इंसान को जलाकर राख कर देती है। क्योंकि इस अवस्था में व्यक्ति अपनी जिम्मेदारियों और कर्तव्यों को भूल जाता है और अपने सभी कार्यों में असफल हो जाता है। चाणक्य के अनुसार जो लोग इस आदत से बचते हैं वे जीवन में ऊंचे उठते हैं और लक्ष्मी का साथ प्राप्त करते हैं।

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