किसान आंदोलन को लेकर बड़ी खबर, 12 दिन बाद टिकरी और कुंडली बॉर्डर से हटाए गए बैरिकेड
किसान पिछले कुछ दिनों से दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे हैं और दिल्ली की ओर मार्च करने की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि इस आंदोलन को लेकर 12वें दिन राहत की खबर आई है. दिल्ली से जुड़े बॉर्डर खुलने शुरू हो गए हैं. टिकरी और कुंडली से बैरिकेड हटाए जा रहे हैं. शहीद शुभकरण सिंह और तीन अन्य शहीद किसानों की याद में संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा की ओर से 24 फरवरी की शाम कैंडल मार्च निकाला जाएगा. 25 फरवरी को शंभू और खनौरी बॉर्डर पर देशभर के किसानों को जागरूक किया जाएगा।
खुलने लगे कुंडली और टिकरी बॉर्डर
किसानों के दिल्ली कूच के आह्वान के बाद 13 फरवरी को बंद किए गए नेशनल हाईवे-44 के सर्विस रोड को पुलिस ने दिल्ली की सीमा से खोलना शुरू कर दिया है. दिल्ली पुलिस सेवा सड़क के चारों लेन खोल रही है. इसके खुलने से दिल्ली के ट्रैफिक को काफी मदद मिलेगी. कुंडली क्षेत्र के उद्योगपतियों, दुकानदारों, व्यापारियों के साथ-साथ आसपास के लोग भी काफी समय से सड़क खुलवाने की मांग कर रहे थे। सर्विस रोड खुलने से वाहन चालकों को काफी राहत मिलेगी।
बहादुरगढ़ में टिकरी बॉर्डर खुलना शुरू हो गया है. बॉर्डर से बैरिकेड्स हटाए जा रहे हैं. बैरिकेडिंग की 6 में से 5 परतें हटा दी गई हैं, हालांकि कंक्रीट की दीवार अभी भी नहीं हटाई गई है। फिर बहादुरगढ़ में सेक्टर 9 मोड से बैरिकेडिंग नहीं हटाई जाएगी.
युवाओं से शांत रहने की अपील
किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने शुक्रवार को एक वीडियो जारी कर युवाओं से शांत रहने की अपील की. डल्लेवाल ने कहा कि कुछ ताकतें युवाओं को भड़का कर शांतिपूर्ण किसान आंदोलन को दंगे में बदलना चाहती हैं, लेकिन युवाओं को भड़कना नहीं चाहिए और शांत रहना चाहिए.
सरकार इस भ्रम में न रहे कि किसान आंदोलन रुक गया है: किसान नेता
किसान नेता सरवन सिंह ने आरोप लगाया कि हरियाणा पुलिस किसानों के घर जा रही है और महिलाओं को धमका रही है. साफ है कि केंद्र सरकार किसानों के आंदोलन को बाधित करने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है, लेकिन केंद्र को इस मुगालते में नहीं रहना चाहिए कि वह दबाव डालकर आंदोलन को रोक देगी. आंदोलन रुका नहीं है. अगली रणनीति तय करने के लिए जल्द ही बैठक होगी.