बड़ी खबर: 17 हजार फीट की ऊंचाई पर भारतीय पोस्ट को हटाने आए चीनी सैनिक, झड़प में चीनी सैनिकों की हड्डियां
अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भारत और चीन की सेनाओं के बीच झड़प हो गई है। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी एलएसी पर पहुंचना चाहती थी। चीनी सैनिकों के इस कदम का वहां तैनात भारतीय सैनिकों ने कड़ा और जोरदार विरोध किया। झड़प में चीनी सैनिकों की हड्डियां टूट गई हैं। दोनों सेनाओं के बीच हुई झड़प में कुछ जवान घायल हो गए।
जानकारी के मुताबिक, चीनी सैनिक भारतीय पोस्ट को तबाह करना चाहते थे। भारतीय चौकी को हटाने के लिए चीनी सैनिक तवांग आए। इसी मंशा से ये चीनी सैनिक हाथों में कंटीली लाठियां और डंडे लेकर आए। जब भारतीय सैनिकों ने देखा तो उन्होंने तुरंत हमला कर दिया और झड़प हो गई। भारतीय जवानों को बौखलाता देख चीनी सैनिक पीछे हट गए। दरअसल, चीनी सैनिकों को भी इस बात का अंदाजा नहीं था कि भारतीय सैनिक भी 17 हजार फीट की ऊंचाई पर तैयार खड़े हैं।
चीनी सैनिकों ने घुसपैठ की कोशिश की
चीनी सैनिकों ने घुसपैठ की कोशिश की और भारतीय जवानों ने उन्हें रोक लिया। उस वक्त दोनों के बीच झड़प हो गई थी। भारतीय सैनिकों को आक्रामक पर जाना पड़ा क्योंकि चीनी सैनिकों ने उन्हें रोकने के भारत के प्रयासों के बावजूद धमकाना जारी रखा। दोनों पक्षों के सैनिक घायल हो गए। घटना की जानकारी होने पर सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने तुरंत स्थिति को शांत कराया।
चीनी अधिकारी ने भारतीय अधिकारियों के साथ फ्लैग मीटिंग की
हालांकि यह घटना 9 दिसंबर की है। घटना के तुरंत बाद चीनी अधिकारी ने भारतीय अधिकारियों के साथ फ्लैग मीटिंग की। और शांति बनाए रखने का आश्वासन दिया। भारत-चीन की सेना वर्षों से अरुणाचल सीमा पर आमने-सामने गश्त कर रही है। कुछ स्थान ऐसे हैं जहां सीमा बहुत स्पष्ट नहीं है। इसलिए दोनों देश वहां दावा करते रहते हैं। लेकिन शांति बनाए रखने के लिए यथास्थिति बनाए रखी जाती है। उधर, चीन बार-बार अपनी बात से भटक रहा है।
लद्दाख सीमा पर हुई झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए
15 जून, 2020 को लद्दाख सीमा पर दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। उस वक्त दोनों देशों के सैनिकों के बीच हाथापाई भी हुई थी। भारतीय सीमा में अवैध रूप से घुसे चीनी सैनिकों को पीछे हटने के लिए भारतीय जवानों ने अपनी जान दे दी। इन जवानों ने अपने प्राणों की आहुति देकर सीमा की रक्षा की। उस हिंसक झड़प में चीन के 38 सैनिक मारे गए थे। उस घटना के बाद केंद्र सरकार ने चीनी टेक्नोलॉजी कंपनियों और चीनी ऐप्स पर बैन लगा दिया था।