परंपरा के चलते गुजरात के इस गाँव में 13 साल की उम्र में लड़कियों को वेश्यावृत्ति डाल दिया जाता है
आज के समय में जब भारत में इतना बदलाव आ चूका है और अब जमाना काफी बदल चुका है. वो जमाना गया जब सिर्फ बेटों के पैदा होने पर ही जश्न होता था. अब बदलते सामाजिक माहौल में बेटियों के पैदा होने पर जश्न की नई परंपरा शुरू हो चुकी है, लेकिन हम आपको गुजरात स्थित वाडिया गांव में बेटियों के पैदा होने पर मनाए जाने वाले जिस जश्न की बात कर रहे हैं वो नयी नहीं है बल्कि यह काफ़ी पुरानी परंपरा है.
दरअसल इस गाँव में बेटियों के पैदा होने पर जश्न इसलिए नहीं होता कि यहां महिलाओं को सम्मान दिया जाता है, बल्कि इसलिए कि उन्हें बड़ी होकर वेश्यावृत्ति की प्रथा को आगे बढ़ाना होता है. इसी गांव में जन्मी लड़कियां बारह-तेरह वर्ष की उम्र में पहुंचते-पहुंचते वेश्यावृत्ति के दलदल में धकेल दी जाती हैं. बताया जाता है ये इस गांव की वर्षों पुरानी परंपरा है जो अब तक चली आ रही है.
इसी परंपरा के चलते वाडिया गाँव में लड़कियों की शादी भी वर्जित होती है. क्योंकि अगर लड़कियां शादी करके दूसरे गाँवों में जाने लगीं तो गांव में धंधा करना मुश्किल हो जाएगा.