आखिर क्योँ बनाया जाता है घरों में पूजा का कमरा
हिन्दू धर्म में सभी व्यक्ति अपनी पौराणिक परंपरा और रीती रिवाजो के हिसाब से पूजा और आराधना करते है, हिन्दू धर्म में भी सभी के अलग अलग तरीके से पूजा करने के तरीके और रिवाज है, जैसा की हम सभी जानते है विभिन जाती धर्म होने के नाते भी सभी लोग अपने घर में एक पूजा का स्थान बनाते है मगर इसके पीछे क्या कारण है आइये जानते है.
जैसा की हम सभी जानते है की ईश्वर इस सृष्टि के रचियता है और हम प्रभु की इस जमीन पर अपना घर बनाते है, परिवार का पालन पोषण करते है जिस प्रकार इस श्रृष्टि के मालिक भगवान है ठीक उसी प्रकार हमारे घर के भी मालिक भगवान ही है
जिस प्रकार हम अपने घर में हर एक कार्य के लिए अलग कक्ष का निर्माण करते है जैसे रसोईघर, गेस्ट रूम, शयनकक्ष इत्यादि ठीक इसी प्रकार हमें घर के मालिक यानि की ईश्वर के लिए भी अलग कक्ष बनाना चाहिए
अलग कक्ष का मुख्य कारण यह है की कमरे में या अन्य किसी जगह पर हम कैसे भी चले जाते है, कई बार देखा जाता है की घरों में लोग जुते चप्पल पहन कर रहते है जिसमें कई प्रकार की अशुधियां रहती है, आप जहा पूजा कर रहे है वह से लोग आ जा रहे है जिससे की आपका ध्यान भंग हो जाता है और प्रार्थना में रुकावट आती है
पौराणिक तौर पर देखा जाये तो हमारे साधू संत महात्मा जी किसी एकांत स्थान या फिर किसी ऐसे जगह पर जाकर अपना पूजा पाठ करते थे जिससे की उनकी पूजा में किसी भी प्रकार को व्यवधान नहीं आये.
इसलिए घरों में मंदिर के लिए अलग कक्ष होना चाहिए जिससे की व्यक्ति शांत चित से प्रभु के प्रति समर्पित होकर प्रार्थना कर सके और अपने मन की शांति पा सके.